Book Title: Tiloy Pannatti
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Jaina Siddhanta Bhavana

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Page 23
________________ तिलोयपएणत्तो रज्जुघणद्ध णवहदतदीयखिदीए दुइजभूमीए । होदि दिवड्डाए दो मेलिय दुगुणं घणो कुजा ॥१९॥ ४३४३२ ३४३।२ [दुगुणिदे मिलिदे ३४३ ६३ तेत्तीसम्भहियछेत्ताण सम्बरज्जुयाण । तेते सव्वे मिलिदा दागिण सया होंति चउहीणा ॥१६२॥*]" : १३३ ३४३ = १६६ ३४३ एक्केकरज्जुमेत्ता उवरिमलोयस्स होति मुहवासा। हेटोवरि भूवासा पण रज्जू सेढिप्रमुच्छेहा ॥१९२॥ ।।७।भू। ७५।२।२। भूमीए मुहं सोहिय उच्छेहहिदं मुहादु भूमीदो। खयवड्डीण पमाणं अडरूवं सत्तपहिहत्थं ॥१३॥ तक्खयवडिपमाणं णियणियउदयाहदं जइच्छाए । हीण महिए संते वासाणि हवंति भूमुहाहिती ॥१६॥ भद्वगुणिदेगसेढी उणवण्णहिदम्मि होदि जं लद्ध। सव्वे य वड्डिहाणी उवरिमलोयस्स :वासाणं ॥१६॥ रज्जूए सत्तभागं इससु-हाणेषु ठाविदूण तदो। सत्तोणवीसइइगितीसपंचतीसेक्कतोसेहिं ॥१९६॥ .. 'सत्तादियविसेहिं तेवीसहिं तहोणवीसेण । पणरस वि सत्तेहिं तम्मि हदे उवरि वासाणि ॥१९॥ T AB दो मिलिदा दोगिण सवा होति चउहीणा। 2 = १३३॥ 3 The portion in the brackets is wanting in AB. 4 सत्ताहिक (3)।

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