Book Title: Tiloy Pannatti
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Jaina Siddhanta Bhavana

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Page 56
________________ तिलोयपएणत्तो एक्को हवेदि रज्जू बावीससहस्सजोयणविहीणा । .. दोगणं विचालमिणं संपजलिदारणामाणं ॥१७॥ । रिण । जो। २२००० तिगिण सहस्सा छस्सय छस्सट्ठीजोयणविहीणपंकाए। . पगणतरिसयदंडा पत्तक इंदयाण विश्चाले ॥१७४॥ ३६६५ । जो दंड । ७५०० । एक्को हवेदि रज्जू अट्ठारससहस्सजोयणविहीणा। खलखलतमिदयाणं दोगणं विचालपरिमाणं ॥१७५॥ । रिण जो। १८०००। चत्तारि सहस्साणिं चउसयणवणवदिजोयणाणिं पि । पंचसयाणि दंडा धूमपहाईदयाण विश्वालं ॥१७६।। __४४९९ । दंड ५०० । चोइससहस्सजोयणपरिहीणा होदि केवलं रज्जू । तिमिसिंदयस्स हिमइंदयस्स दोगणं पि विश्चाले ॥१७७|| ७ । रिण जो १४०००। अट्ठाणउदी णवसयछसहस्सा जोयणादि मघवीए । पणवण्णसयाणि धणू पत्तेक इंदयाण विचालं ॥१७॥ ६९९८ । दंड ५५००। छट्टमखिदिचरिमिंदयअवधिट्ठाणाण होइ विञ्चालं। एका रज्जू. ऊणा जोयणतिसहस्सकोसजुगलेहि ॥१७९॥ .. । रिण ३००० को २। .. . तिणि सहस्सा णवसयणवणउदी जोयणाणि बे कोसा। उड्डाधरभूमीणं अवधि ठाणस्स परिमाणं ॥१८॥ ३९९९ कोस । णवणउदि णवसयाणि दुसहस्सा जोयणाणि पंसाए । तिसहस्सछसयदंडा उड्डीणं सेढीबद्ध विश्वालं ॥१८॥ .. . २९९९ । दंड ३६०० । 1. जोपणाणि (१); 2 S उट्टाधर ।

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