Book Title: Tiloy Pannatti
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Jaina Siddhanta Bhavana

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Page 61
________________ तिलोयपएणत्ती . पवं सत्तखिदीणं पत्तक इंदयाण जो आऊ । सेदिविसेढिगदाणं सो चेय पदण्णयाणं पि ॥२१॥ । एवं भाउ सम्मत्ता। सत्ततिछदंडहत्थंगुलाणि कमसो हवंति घम्माए । चरिमिदयम्मि उदउ दुगुणा दुगुणो य सेसपरिमाणं ॥२१७॥ दं ७,ह ३, ६ । द ह द ह । दं हदं ह। दं५००। रयणप्पहपुत्थीए उद्ड सीमंतणामपडलम्मि । जीवाणं हत्थतियं सेसेसुं हाणिवड्डीउ ॥२१॥ आदीअंते सोहिय रूऊणिद्दाहिदम्मि हाणिचया। मुहसहिदे खिदिसुद्धे णियणियपदरेसु उच्छेहो ॥२१॥ हाणिचयाण पमाणं घम्माए होंति दोगिण हत्थाई।। अट्ठगुलाणि अंगुलभागो दोहिं विहत्तो य ॥२२०॥ __ ह २ । अं ८। भा १ एक्कघणुमेक्कहत्यो सत्तरसंगुलदलं छ णिरयम्मि । इगिदंडो तियहत्थो सत्तरस अंगुलाणि रोरुगए ॥२२१॥ दं १, ह १, अं १७ । दं १, ह ३, अं १७ । दो दंडा दो हत्था भत्तम्मि दिवडमंगुलं होदि । उज्झते दंडतियं दहंगुलाणिं च उच्छेहो ॥२२२॥' दं २, ह २, अं३ | दै ३, अंगु १०। तिय दंडा दो हत्था अट्ठारह अंगुलाणि पव्वद्ध। सव्वत्थणामइंदयउच्छेहो पढमपुढवीए ॥२२३॥ दं ३, ह २, अं १८ । भा १॥ चत्तारो चावाणि सत्तावीसं च अंगु लाणि पि। होदि असम्भंतिदियउदउ पढमाइ पुढवीए ॥६२४॥ दं ४, अं २७। I Below these some numbers are pat, but they are not legible. 2 This vers. is missing in A and B.

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