Book Title: Tiloy Pannatti
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Jaina Siddhanta Bhavana
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तिलोयपएणत्ती
कंखापिघासणामा महकंखा यदिपिवासणामा य । आदिमसेढीबद्धा चत्तारो होंति सीमंते ॥४॥ पढमो अणिश्चणामो बिदिओ विजो तहा महाणिजो। महविजो य चउत्थो पुवादिसु होति घणगम्हि ॥४८॥ दुक्खा य वेदणामा महदुक्खा तुरिमया अ महावेदा । तत्तिदियस्स एदे पुवादिसु होति चत्तारो ॥४९।। आरिदए णिसट्ठो पढमो बिदिओ वि अंजणणिरोधो। तत्तिउय अदिणिसत्तो महणिरोधो चउत्थो त्ति ॥५०॥ तमकिंडए णिरुद्धो विमहणो यदिणिधुणामो' य। तुरिमो महाविमद्दणणोमी पुव्वादिसु दिसासु ॥५१॥ हिमइदयम्हि होति हु णीला पंका य तह य महणीणा । महपंका पुवादिसु सेढीबद्धा इमे चउरा ॥५२॥ कालो रोरवणामो महकालो पुव्वपहुदिदिभाए। महरोरउ' चउत्थो अवधीठाणस्स चिंतेदि ॥५३॥ अवसेसईदयाणं पुन्वादिदिसासु सेढिबद्धाणं । णत्ताई णामाई पढमाणं बिदियपहुदिसेढीणं ॥५४॥ दिसविदिसाणं मिलिदा अट्ठासीदजुदा य तिगिण सया। सीमंतएण जुत्ता उणणवदी समधिया होति ॥५५॥
३८८ । ३८९। उणणवदी तिणि सया पढमाए पढम पंथले होति | विदियादिसु होते माघवियाए पुढं पंच ॥५६॥
३८९। अट्ठाणं पि दिसाणं एक्केक होयदे जहाकमसो। एक्केकहीयमाणे परं जियं होंति परिहाणे (?) ॥५॥ इटिदियप्पमाणं रूऊणं अट्ठताडिया णियमा। उणणवदितिसएसुं अवणिय सेसो हवंति य प्पडला ॥५८॥ अथवा इत्थे पदरविहीणी उणवण्णा अट्टताडिया णियमा।
सा पंचरूवजुप्ता इच्छिदसेढिदया होति ॥५९॥ I बदिणिरुड (१); २ महरोरवो 3) 3 पस्थले (?) 4 AB अंरजिवं; 5 दूजणं (१), 6 BS इच्छे।

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