Book Title: Tiloy Pannatti
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Jaina Siddhanta Bhavana

View full book text
Previous | Next

Page 45
________________ तिलोयपण्णत्तो दुचयहदं संकलिदं चयदलवदणंतरस्स वग्गजुदं मूलं पुरिमूलूणं चयभजिदं होदि तं तु पदं ॥७॥ पत्तेई रयणादी सव्वबिलाणं ठवेज परिसंखं। णियणियसेढिया इंदयरहिदा पईया होति ॥८॥ उणतीसं लक्खाणं पंचाणउदीसहस्सपंचसया। सगसट्ठीसंजुत्ता पाण्णया पदमपुढवीए ॥८॥ २६६५५६७। मूलुणं पूर्वमूले मा ____५२। चयभजिदं ५२ =१। चयदलहदसंकलिदं ४४२०।४।' चयवलरहिदाहिदाहि २८८ । अद्ध १४४ । १०७३६ । ३८४१६।४। १६६। चयट्ठहदं संकलिद ४४२० । १६ । चय I Again च... | in AB; 2 A चवदद।

Loading...

Page Navigation
1 ... 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124