Book Title: Tiloy Pannatti
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Jaina Siddhanta Bhavana

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Page 60
________________ E तिलौयपण्णत्त... १ १० सायरउवमा इगिदुतिचउपण सत्तअट्ठणवदसया । दसभजिदारयणप्पह तुरिमिंदयपहुडि जेाऊ ॥२०८॥ 18 || ४ Muu १० | १० | १० १० १० //, १० १० | १० | १० उर्वारमखिदिजेट्टाउ सोहसहेट्ठिमखिदीयजेट्ठ मि । सेसं गियणिय इंदयसंखार्भाजदम्मि हाणिवड्डीउ ॥ २०९ ॥ तेरहउवहीपढमे दोहोजुत्ता य जाव तेतीसं । एकरसेहिं भजिदा बिदियखिदीयंदयाण जेाऊ ॥ २२०॥ १९ | २२ | २३ २५ २७ २९ ३० ३३ १३ | १५ ११ ११ ११ ११ ११ ११ ११ ११ ११ ११ ११ इगतीसउवहिउवमापभउ चउवडिदा य पत्तेक्क । जा तेसट्ठि गावभजिदं पदं तदियावणिम्मि जेहाऊ ॥ २१९ ॥ २१ | २४|३२|४३|४०|५९ | १५ |५९/६३ | बावरा णुदही उवमापभउ तियवडिदा य पत्तेक । सत्तरिपरियंतंते सप्तहिदा तुरिमपुढविजेट्ठाऊ ॥ २१२ ॥ ४२ | २४|२८| ६१ | ६४ | ६७ ७७ | सगवण्णोवहिउवमाआदी सत्ताधिया य पत्तेक्क ं । पणसीदीपरिअंत पंचहिदा पंचमीय जेट्ठाऊ ॥२१३॥ ५७ ६४ ७१ ७८ ८५ ५७६६७६७६५ छप्पण्णा इगिसट्ठी छासट्ठी होंति उवहिउवमाणा । तियभजिदा मघवी गारयजीवाण जेहाऊ ॥२१४॥ ५६ | ६६ / ६६ | सत्तमखिदिजीवाणं आऊँ तेत्तीसउब हिउवमाणा । 'उबरिमउक्कस्साऊ समउजुदो हेट्ठिमे जहां खु ॥ २१५|| २२ | ३३ |

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