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तिलोयपएणत्ती
णव दंडा तियहत्थं चउरुत्तरदोसयाणि पव्वाणिं । एक्कारसभजिदाई उदऊ मणइंदयम्मि जीवाणं ॥२३४॥
दं ९, ह. ३, अं १८ भा६ इस दंडा दो हत्था चोइस पथ्याणि अट्ठभागा य । एक्कारसेहिं भजिदा उदऊ तणगिंदयम्मि बिदियाए ॥२३॥
दं १०, ह २, अं १४ मा ८|
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एक्कारस चावाणिं पक्को हत्थो दसंगुलाणि पि। एक्कारसहिदइसंसा उदऊ धादिंदियग्मि बिदियाए ॥२३६॥
दं ११, ह १, अं १० मा १० |
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बारस सरासणाणिं पवाणिं अट्ठहत्थरी होति । पक्कारसभजिदाणिं संघादे णारयाण उच्छेहो ॥२३॥
दं १२, अं७.11 बारस सरासणाणिं तिय हत्था तिरिण अंगुलाणिं च । एक्कारसहियतिभाया उदऊ जिभिदअम्मि बिदियाए ॥२३॥
दं १२, ह ३, अं३ भा ३| तेवपणाण य हत्था तेवीसा अंगुलाणि पणभागा। एक्कारसेहिं भजिदा जिम्भगपडलम्मि उच्छेहो ॥२३९॥
ह ५३, अं २३, भा ५ चोइस दंडा सोलसमुत्ताणिं दोसयाणि पव्वाणि । एक्कारसभजिदाहिं लोलयणामम्मि उच्छेहो ॥२४०॥
दं १४, अं २१६) पक्कोणसहिहत्था पणरस अंगुलाणि णव भागा | एक्कारसेहिं भजिदा लोलयणामम्मि उच्छेहो ॥२४॥
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ह ५९, अं १५ भा
This and the following verse are missing in A and B,