Book Title: Tiloy Pannatti
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Jaina Siddhanta Bhavana

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Page 89
________________ . तिलोयपएणत्ती धरणाणंदे धियं बच्छरलक्खं हुवेदि वेणुस्स। आरोहवाहणाइं तु अधिरितं वेणुदारिस्स ॥१५९॥ १०००००। पत्तक्कमद्धलक्खं आरोहकवाहणाणं जेहाऊ। सेसम्मि दक्खिणिदे अधिरितं उत्तरिदम्मि ॥१६॥ ५०००००। जेत्तियमेत्तायाऊ पइण्णअभिजोगकिब्बिससुराणं । तप्परिमाणपरूवणउवएसं संपई णटुं ॥१६॥ दसवाससहस्साऊ जो देवाउ'माणुसाण सयमेतं । मारिदुमह पोसे, सो सक्कदि अप्पसत्तीए ॥१६२॥ खेत्तं दिवड्डसयधणुपमाणआयामवासबहलत्तं । बाहाहिं वेढेदु उप्पादे, पि सो सको ॥१६३॥ दं १५०। एकपलिदोवमाऊ उप्पालेदं महीए छक्खंडं। तगदणरतिरियाणं मारेखें पोसिद् सक्को ॥१६४॥ उवहिउवमाण जीवी जंबूदीवस्स उग्गमै खिवितुं । तग्गदणरतिरियाणं मारे, पोसि, सक्को ॥१६५॥ दसवाससहस्साऊ सदरूवाणि विगुव्वणं कुणदि । उक्कस्सम्मि जहणणे सगरूवा मज्झिमे विविहा ॥१६६॥ श्रवसेससुरा सव्वे णियणियओहिपमाणखेत्ताणिं । जित्तियमेत्ताणि पुढं पूरंति विउवणार एदाई ॥१६॥ संखेजाऊ जस्स य सो संखेजाणि जोयणाणि सुरा। गच्छेदि एक्कसमए आगच्छदि तेत्तियाणिं पि ॥१६८॥ जस्स असंखेजाऊ सो वि य संखेजजोयणाणि पुढं। गच्छेदि पक्कसमए आगच्छदि तेत्तियाणिं पि ॥१६९।। अड्डाइज्ज पल्लं आऊ देवीण होदि चमरम्मि। वारोयणम्मि तिगिण य भूदाणंदम्मि पल्लमटुंसो॥१७०॥ Is जो देउ; 2 उप्पाडेदं (?); 3 सदरूवा (?) ।

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