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विषय. स्त्रियोंके नग्न दिगम्बर दीक्षाके अवरोधक कारण । सम्यक्त्वसहित चारित्र धारक स्त्री शुद्ध है पाप रहित है। स्त्रियोंके ध्यानको सिद्धि भी नहीं। जिन सूत्रोक्त मार्गानुगामी ग्राह्यपदार्थो में से भी अल्प प्रमाण ग्रहण करें हैं तथा जो सर्व इच्छाओंसे रहित हैं वे सर्व दुःख रहित हैं। ...
चारित्र पाहुड नमस्कृति तथा चारित्र पाहुड लिखनेकी प्रतिज्ञा। ... सम्यग्दर्शनादित्रयका अर्थ । ... ... ... ... ज्ञानादिभावत्रयकी शुद्धिके अर्थ दो प्रकारका चारित्र।
... चारित्रके सम्यक्त्व-चरण संयम-चरण भेद। ... सम्यक्त्व-चरणके शंकादिमलोंके त्यागनिमित्त उपदेश। ... अष्ट अंगोंके नाम। .... ... ... ... निःशंकित आदि अष्टगुणविशुद्ध जिनसम्यक्त्वका आचरण सम्यक्त्व
चरण चारित्र है और वह मोक्षके स्थानके लिये है। ... ... सम्यक्त्वचरण चारित्र पूर्वक संयमचरण चारित्र शीघ्र ही मोक्षका कारण है। सम्यक्त्वचरण चारित्र से भ्रष्ट संयमचरणधारी भी मोक्षको नहीं प्राप्त करता।
... सम्यक्त्वचरणके चिन्ह। . सम्यक्त्व त्याग के चिन्ह । ... ... उत्साह भावनादि होने पर सम्यक्त्वका त्याग नहीं हो सकता है। मिथ्यात्वादित्रय त्यागने का उपदेश । विशुद्धध्यानके लिये विशेष उपदेश। ... मिथ्यामार्गमें प्रवर्तीने वाले दोष । चारित्रदोषको मार्जन करनेवाले गुण । ... मोहरहित दर्शनादित्रय मोक्षके कारण हैं। ... संक्षेपतासे सम्यक्त्वका महात्म्य। ... ... संयमाचरणके भेद और भेदोंका संक्षेपतासे वर्णन । सागारसंयमाचरणके ११ स्थान अथात् ग्यारह प्रतिमा। ...