Book Title: Uvavai Suttam
Author(s): Chotelal Yati
Publisher: Jivan Karyalay
View full book text
________________
उववाई सूत्तं
xmmmmmmmmmmmmmmmmmm.........
सीहासणाओ अब्भुतुइ २त्ता पायपीढाओ पच्चोरहइ २ त्ता [ वेरुलियवरिरिअंजणनिउणोवियमिसिमिसिंतमणिरयणमंडियाओ] पाउयानो श्रोमुयइ २त्ता अवहट्ट पंच रायककुहाई., तंजहाः(१) खग्गं (२) छत्तं (३) उप्फेसं (४) वाहणामो (५) वालवीयणं एगसाडियं उत्तरासंगं करेइ २त्सा प्रायंते चोक्खे परमसुइभूए अंजलिमउलियग्गहत्थे 'तित्थगराभिमुहे सत्तह पयाई अणुगच्छइ सत्तठ पयाई अणुगच्छित्ता वामं जाणुं अंचेइ वामं जाणुं अंचेत्ता दाहिणं जाणुं धरणितलंसि साहङ तिक्खुत्तो मुद्धाणंधरणितलंसि निवेसइ २त्ता ईसिं पच्चुएणमह पच्चुराणमित्ता कडगतुडियर्थभियाओ भुयाश्रो पडिसाहरइ २ त्ता करयल जाव कटु एवं वयासी:
णमोऽत्थु णं अरिहंताणं भगवंताणं प्राइगराणं तित्थगराणं सयंसंबुद्धाणं पुरिसुत्तमाणं पुरिससीहाणंपुरसिवरपुंडरीयाणं पुरिसवरगंधहत्थीणंलोगुत्त माणं लोगनाहाणं लोगहियाणं लोगपईवाणं लोगपबोयगराणं अभयदयाणं चकखुदयाणं मग्गदयाणं सरणदयाणं जीवदयाणं बोहिदयाणं धम्मदयाणं 'धम्मदेसयाणं धम्मनायगाणंधम्मसारहोणं धम्मवर

Page Navigation
1 ... 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110