Book Title: Uvavai Suttam
Author(s): Chotelal Yati
Publisher: Jivan Karyalay

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Page 26
________________ २२ उववाई सूत्तं (3) अहमभत्ते (४) दसमभत्ते (५) बारसभत्ते (६), चउद्दसभत्ते (७) सोलसभत्ते (८) अद्धमासिए भत्ते (ह) मासिए भत्ते (१०) दोमासिए भत्ते (११) तेमासिए भत्ते (१२) चउमासिए भत्ते (१३) पंचमासिए भत्ते (१४) छम्मासिए भत्ते, से तं इत्त रिए । से किं तं आवकहिए ? २ दुविहे पण्णत्ते, तं जहा-(१) पात्रोवगमणे य (२) भत्तपच्चक्खाणे य । से किं तं पाश्रोवगमणे ? २ दुविहे पण्णत्तेतं जहा-(१) वाघाइमे य (२) निव्वाघाइमे य नियमा अप्पडिकम्मे, से तं पाओवगमणे । से कि तं भत्तपञ्चक्खाणे ? २ दुविहे पएणत्ते, तं जहा-(१) वाघाइमे य (२) निव्वाघाइमे य णियमा सपडिकम्मे, से तं भत्तपञ्चक्खाणे, से तं अणसणे । से किं तं प्रोमोयरियारो ? दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- (१) दव्वोमोयरिया य (२) भावोमोअरिया य, से किं तं दव्योमोअरिया ? २ दुविहा पएणत्ता, तं जहा-(१) उवगरणव्वोमोअरिया य (२) भत्तपाणव्वोमोअरिया यासे किंतं उवगरणदव्योमोअरिया ? २ तिविहा परणत्ता, तं जहा(१) एगे वत्थे (२) एगे पाए (३) चियत्तोवकरणसाइजणया, से तं उवगरणदव्वोमोमरिया। से

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