Book Title: Uvavai Suttam
Author(s): Chotelal Yati
Publisher: Jivan Karyalay
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उववाई सूत्तं विणो(३) वेयावच्चं (४) सज्झाओ (५) माणं (६) विउसग्गो । से किं तं पायच्छित्ते? २ दसविहे पण्णत्ते, तं जहा-(१) पालोयणारिहे (२) पडिकमणारिहे (३) तदुभयारिहे (४) विवेगारिहे (५) विउस्सग्गारिहे (६) तवारिहे (७) छेदारिहे (८) मूलारिहे ( 8 ) अणवठ्ठप्पारिहे (१०) पारंचियारिहे, से तं पायच्छित्ते । से किं तं विणए? सत्तविहे पण्णत्ते, तं जहा-(१) णाणविणए ( २ ) दंसणविणए (३) चरित्तविणए (४) मणविणए (५) वइवणिए (६) कायविणए (७) लोगोवयारविणए । से किं तं णाणविणए ? पंचविहे पएणत्ते, तं जहा-(१) आभिणियोहियणाणविणए (२) सुयणाणविणए (३) रोहिणाणविणए (४) मणपजवणाणविणए (५) केवलणाणविणए, सेतंणाणविणए। से किं तं दसणविणए ? दुविहे परणत्ते, तं जहा-(१) सुस्सूसणाविणए ? (२) अणचासायणाविणए । से किं तं सुस्सूसणाविणए १२ अणेगविहे पएणत्ते । तं जहा-(१) प्रभुठाणे इवा (२) भासणाभिग्गहे इवा ( ३ ) पासणप्पदाणे इवा (४) सकारे इवा (५) सम्माणे इवा (६) किकम्मे इ वा (७) अंजलिपग्गहे का

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