Book Title: Uvavai Suttam
Author(s): Chotelal Yati
Publisher: Jivan Karyalay

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Page 57
________________ उववाई सूत्तं निवेसाणं आहेवच्चं पोरेवच्चं सामित्तं भट्टित्तं महत्तरगत्तं आणाईसरसेणावच्चं कारेमाणे पाले. माणे महयाऽहयणगोयवाइयतंतोतलतालतुडियघणमुअंगपडुप्पवाइयरवेणं विउलाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहराहित्ति कटु जय २ सई पउंजंति । तए णं से कूणिए राया भंभसारपुत्ते णयण मालासहस्तेहिं पेच्छिज्जमाणे २ हिययमालासहस्सेहिं अभिणंदिजमाणे क्रचित् उन्नोइजमाणे मणोरहमालासहस्सेहिं विच्छिप्पमाणे २ वयणमालासहस्सेहिं अभिथुव्वमाणे २ कंति (दिव्व) सोहग्गुणेहिं पत्थिजमाणे २ बहूणं णरणारिसहस्साणं दाहिणहत्थेणं अंजलिमालासहस्साइं पडिच्छमाणे २ मंजुमंजुणा घोसेणं पडिवुज्झमाणे २ भवणपंतिसहस्साइं समइच्छमाणे २ [ ] चंपाए नयरीए मज्झमझेणं निग्गच्छइ २ त्ता जेणेव पुण्णभद्दे चेइए तेणेव उवागच्छइ २ त्ता समणस्स भगवओ महावीरस्त अदरसामंत छत्ताईए तित्थयराइसेसे पासइ पासित्ता प्राभिसेकंहत्थिरयणं ठवेइ ठवित्ता आभिसेक्कानो हत्थिरयणाओ पचोरुहइ २ त्ता अवहट्ट पंच रायकउहाई, तं जहा-खग्गं छत्तं उपफेसं वाहणाश्रो वालवीयणं जेणेव समणे भगवं

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