Book Title: Uvavai Suttam
Author(s): Chotelal Yati
Publisher: Jivan Karyalay

View full book text
Previous | Next

Page 38
________________ ५ उववाई सूर्त अहोसिरा भाणकोहोवगया संजमेण तवसा अप्पाणं भावमाणा विहरति । .. संसारभउव्विग्गा भोया जम्मणजरमरणकरणगंभोरदुक्खपक्खुब्भियपउरसलिलं संजोगविभोगवीइचिंतापसंगपसरियवहबंधमहल्लविउलकल्लोलकलुणाविलवियलोभकलकलंतबोलबहुलं अव. माणणफेणतिव्वखिंसणपुलंपुल[ प्पभूयरोग वेयणपरिभवविणिवायफरुसधरिसणासमावडियकढिणकम्मपत्थरतरंगरंगंतनिचमच्चुभयतोयपटुं कसायपायालसंकुलं भवसयसहस्सकलुसजलसंचयं पइभयं अपरिमियमहिच्छकलुसमइवाउवेग धुम्ममाणदगरयरयंधारवरफेणपउरासापिवासधवलंमोहमहावत्तभोगभममाणगुप्पमाणुच्छलंतपच्चोणियत्तपाणियपमायचंडवहुसाबयसमाहयुद्धायमाणपन्भारपोरकंदियमहारवरवंतभेरवरवं। अएणाणभमंतमच्छपरिहत्थअणिहुयिंदियमहामगरतुरियचरियखोखुन्भमाणनचंतचवलचंचलचलंतघुम्मंतजलसमूहं अरइभयविसायसोगमिच्छत्तसेलसंकडं प्रणाइसंताणकम्मबंधणकिलेसचिक्खिल्लसुदुतारं अमरणरतिरियणिरयगइगमणकुडिलपरियत्तविउलवेलं चउरंतं महंतमणवयरगं रुई संसार

Loading...

Page Navigation
1 ... 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110