Book Title: Uvavai Suttam
Author(s): Chotelal Yati
Publisher: Jivan Karyalay
View full book text
________________
उववाई सूर्त त्ताणं दव्याणं विउसरणयाए (२) अञ्चित्ताणं दव्वाणं अविउसरणयाए (३) विणोणयाए गायलडीए (४) चक्खुपमासे अंजलिपग्गहेणं (५) मणसो एगत्तिभावकरणेणं समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो प्रायाहिणपयाहिणं करेन्ति वंदति गमं. संति वंदित्ता णमंसित्ता कूणियरायं पुरोकटु ठिइयात्रो चेव सपरिवारानो अभिमुहायो विणएणं पंजलि उडायो पज्जुवासंति ।।
- (मू० ३४) तए णं समणे भगवं महावीरे कूणिअस्सरगणो भंभसारपुत्तस्स्स सुभद्दापमुहाणं देवोणं तीसे य महति महालियाए परिसाए इसिपरिसाए मुणिपरिसाए जइपरिसाए देवपरिसाए अणेगसयाए अणेगसयवंदाए अणेगसयवंदपरिवाराए ओहवले अइबले महब्बले अपरिमियबलवीरियतेयमाहप्पकंतिजुत्ते सारयणवत्थणियमहरगंभीरकोंचणिग्योसदुंदुभिस्सरे उरेवित्थडाए कंठेऽवट्ठियाए सिरे सेमाइण्णाए अगरलाए अमम्मणाए सुव्वक्खरसरिणवाइयाए पुगणरत्ताए सव्वभासामुगामिणोए सरस्सइए जोयणगीहारिणा सरेणं अद्धमागहाए भा. साए भासह अरिहा धम्म.. परिकहेइ ।

Page Navigation
1 ... 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110