Book Title: Uvavai Suttam
Author(s): Chotelal Yati
Publisher: Jivan Karyalay
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३६
वाई सूतं
षिद्ध' तघोयतन्त्ततवणिज्जरत्ततलतालुजीहा अंजणघणकसिण रुयगर मणिज्जणिद्ध केसा वामेग कुंडलधरा अद्दचंदणाणुलित्तगत्ता । ईसिंसिलिंधपुष्पष्पगासाई सुहुमाई अकिलिठ्ठाई सुहुमाई वत्थाइं पवरपरिहिया वयं च पढमं समझता बिइयं च वयं असंपत्ताभद्दे जोव्वणे वट्टमाणा तलभंगयतुडियपवरभूसणनिम्मलमणिरयणमंडियभुया दसमुद्दामंडियग्गहत्था चूलामणिचिंधगया सुरुवा महििड्डया महज्जुइया महब्बला महायसा महासोक्खा मडाणुभागा हारविरायवच्छा कडगतुडियथंभियभुया अंगयकुंडलमठ्ठगंडतलाकरणापीढधारी विचित्तवत्थाभरणा विचित्तमालामउलिमउडा कल्लाणगयपवरवत्थपरिहिया कल्लाणगयपवरमल्लाणुलेवणा भासुरबोंदी पलंबवणमालधरा । दिव्वेणं वरणेणं. दिव्वेणं गंघेणं, दिव्वेणं रूवेणं - दिव्वेणं फासेणं दिव्वेणं संघाए (घयणे ) णं दिव्वेणं संठाणेणं दिव्वाए इडीए दिव्वाए जुत्तीए दिव्वाए पभाए दिव्वाए छायाए दिव्वाए ची दिव्वेणं दिव्वेणं तेएणं दिव्वाए लेसाए दस दिसाओ उज्जोवेमाणा पभासेमाणा समणस्स भगवो महावीरस्स अंतियं आगम्मागम्म रत्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुतो -

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