Book Title: Uvavai Suttam
Author(s): Chotelal Yati
Publisher: Jivan Karyalay

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Page 41
________________ 'उववाई सूत्तं याहिणं पयाहिणं करेइ २त्ता वंदंति एमंसंति [ वंदित्ता ] णमंसित्ता ण च्चासरणेणाइदूरे सुस्सूसमाणा णमंसमाणा अभिमुहा बिणएवं पंजलिउडा पंज्जुवासंति ॥ (सू० २३) तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवत्रो महावीरस्स बहवे असुरिंदवज्जिया भवगवासी देवा अंतियं पाउन्भवित्था णागपइणो सुवण्णा विज्जू अग्गीयां दीवा उदही दिसाकुमारा न्य पवणथणिया य भवणवासी णागफडागरुलवयरपुरणकलससी हहयगय मगर मउडवद्धमाणणिज्जुत्तविचित्तचिंधगया सुरूवा महिड्डिया सेसंतं चेव जावपज्जुवासंति ॥ (सू० २४) तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे वाणमंतरा देवा अंतियं पाउ भवित्था पिसायभूया य जक्खरक्खसा किंनरकिंपुरिस भुयगपणो य महाकाया गंधव्वणिकायगणा णिउणगंधब्बगीयरइणो ऋणपरिणय पणपणियह सिवादियभूयवादियकंदियमहाकंदिया य कुहंडपयएयदेवा चंचलचव लचित्त कीलण दवप्पिया गंभीरह सियभणियपीयगीयणच्चणरई वणमालामेलमउड कुंडलसच्छंद विउब्वियाहरणचारुविभूसणधरा स

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