Book Title: Uvavai Suttam
Author(s): Chotelal Yati
Publisher: Jivan Karyalay

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Page 27
________________ उत्रवाईसूत्तं vornmr.w.www किं तं भत्तपाणदव्योमोअरिया ? २ अणेगविहा पएणत्ता, तं जहा-(१) अठ्ठ कुक्कुडिअंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहारमाणे अप्पाहारे (२)दुवालस कुक्कुडि अंडगप्पमाणमेत कवले अहारमाणे अवदोमोअरिया (३)सोलस कुक्कुडिअंडगप्पमाणमेत्ते कवले श्राहारमाणे दुभागपत्तोमोअरिया (४)चउवोसं कुक्कुडअंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहारमाणे पत्तोमोयरिया (५) एक्कतीसं कुक्कुडिअंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहारमाणे किंचूणोमोयरिया (६) बत्तीसंकुक्कुडिअंडगप्पमाणमेत्ते कवले अाहारमाणे पमाणपत्ता (७) एत्तो एगेण वि घासेणं ऊणयं पाहारमाहारेमाणे मसणे जिग्गंथे णो पकामरसभोईत्ति वत्तव्वं सिया, से तं भत्तपाणदव्योमोयरिया, से तं दव्योमोयरिया । से किं तं भावोमोयरिया ? २ अणेगविहा पएणत्ता तं जहा-(१) अप्पकोहे (२) अप्पमाणे (३) अप्पमाए (४) अप्पखोहे (५) अप्पमद्दे (६) अप्पझंझे, से तं भावोमोयरिया, से तं श्रोमोयरिया । से किं तं भिक्खायरिया ? २ अणेगविहा पएणत्ता, तं जहा-(१) दव्वाभिम्गहचरए (२) खेत्ताभिग्गहचरए (३) कावाभिग्गहचरए (४) भावा भिग्गहचरए (५) उक्खि

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