Book Title: Uvavai Suttam
Author(s): Chotelal Yati
Publisher: Jivan Karyalay

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Page 23
________________ उववाई सूतं रोसहा जीवियासमरणभयविप्पमुक्का वयप्पहाणा गुणप्पहाणा करणप्पहाणा चरणप्पहाणा णिग्गहप्पहाणा निच्छयप्पहाणा अजवप्पहाणा महवप्पहाणा लाघवप्पहाणा खंतिप्पहाणा मुत्तिप्पहाणा विज्जा'पहाणा मंतप्पहाणा वेयप्पहाणा बंभप्पहाणा नयप्पहाणा नियमप्पहाणा सचप्पहाणा सोयप्पहाणा चारुवरणा लज्जातवस्सोजिइंदिया सोही अणियाणा अपुस्सुया अबहिल्लेसा अप्पडिलेस्सा सुसामरणरया दंता इणमेव जिग्गंथं पावयणं पुरोकाउं विहरंति [ ]। तेसि णं भगवंताणं पायावायावि विदिता 'भवंति परवाया विदिता भवंति पायावायं जमइत्ता नलवणमिव मत्तमातंगा अच्छिद्दपसिणवागरणा रयणकरंडगसमाणा कुत्तियावणभूया पर'वादियमद्दणा [ ] दुवालसंगिणो समत्तगणिपिडगधरा सव्वक्खरसण्णिवाइणो सव्वभासाणुगामिणो अजिणा जिणसंकासा जिणाइव अवितहं वागरमाणा संजमेणंतवसा अप्पाणंभावमाणा विहरंतिः॥ (स. १७) तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स 'भगवो महावीरस्स अंतेवासी बहवे अणगारा भगवंतो इरियासमिया भासासमिया एसणसमिया

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