Book Title: Uvavai Suttam
Author(s): Chotelal Yati
Publisher: Jivan Karyalay
View full book text
________________
१८
उववाई सूत्तं
भद्दपडिमं सव्वोभद्दपडिमं आयंबिलवध्दमाणं तवोकम्म पडिवण्णा मासियं भिक्खुपडिमं एवं दोमासियं पडिमं तिमासियं पडिमं जाव सत्तमाः सियं भिक्खुपडिम पडिवण्णा अप्पेगइया पढमं सत्तराइंदियं भिक्खुपडिम पडिवण्णा जाव तच्चंसत्तराइंदियं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा अहोराइंदियं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा एक्कराइंदियं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा सत्तसत्तमियं भिक्खुपडिमं अठ्ठअहमियं भिक्खुपडिमं णवणवमियं भिक्खुपडिमं दसदसमियं भिक्खुपडिमं[ ] खुडियं मोयपडिमं पडिवण्णा महल्लियं मोयपडिमं पडिवण्णा जवमझ चंदपडिमं पडिवण्णा वइर (वज) मझ चंदपडिमं पडिवण्णा संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणा विहरंति ॥
(सू. १६) तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवो महावीरस्स अंतेवासी बहवे थेरा भगवंतो जाइसंपण्णा कुलसंपण्णा बलसंपण्णा रूवसंपण्णा विणयसंपण्णा णाणसंपण्णा देसणसंपण्णा चरित्तसंपण्णा लज्जासंपण्णा लाघवसंपण्णा ओयंसी तेयंसी वच्चंसी जसंसी जियकोहा जियमाणा जियमाया जियलोभा जियइंदिया जियणिद्दा जियप

Page Navigation
1 ... 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110