Book Title: Uvavai Suttam
Author(s): Chotelal Yati
Publisher: Jivan Karyalay

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Page 42
________________ ३८ rwwwwwwwwwwrrorarwwwwwwwmorrammarrrrrrrrrram उववाई सूक्तं ध्वोउयसुरभिकुसुमसुरइयपलवसोभंतकंतवियसंतचित्तवणमालरइयवच्छा कामगमी कामख्वधारी णाणाविहवरणरागवरवत्थचित्तचिल्लयणियंसणा वि विहदेसीणेवत्थग्गहियवेसा पमुइयकंदप्पकलहकेलीकोलाहलप्पिया हासबोलवहुला प्रणेगमणिरयणविविहणिज्जुत्तविचित्तचिंधगया सुरुवा महिद्विया जाव पज्जुवासंति ॥ (मू० २५) तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवरोमहावीरस्स (वद्धमाणस्स) बहवेजोइसिया देवा अंतियं पाउन्भवित्था, विहस्सतीचंदसूरसुकसणिच्छरा राहू धूमकेतुबुहा य अंगारकाय तत्ततवणिज्जकणगवण्णा जेय गहाजोइसंमि चारं चरंति केऊ य गइरइया अठ्ठावीसविहा य णक्खत्तदेवगणा णाणासंठाणसंठियारो य पंचवरणाश्रो ताराओ ठियलेस्सा चारिणीय अविम्साममंडलगई पत्तेयं णामंकपागडियचिंधमउडा महिड्ढिया-जाव पज्जुवासंति ॥ ..(सू० २६) तेणं कालेणं तेणं समएणं समयस्स भगवो महावीरस्सवेमाणिया देवा अंतियं पाउन्भः वित्था सोहम्मीसाणसणंकुमारमाहिंदबंभलंतगमहासुकस हस्साराणयपाणयारणअच्चुयवई पहिहा देवा

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