Book Title: Tiloy Pannatti
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Jaina Siddhanta Bhavana

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Page 10
________________ तिलोयपण्णत्तो कणयधराधरधीरं मूढत्तयविरहिदं हयग्गमलं । जायदि पवयणपढणे सम्मदसणमणुवमं 1 ॥५६॥ सुरखेयरमणुवाणं लम्भंति सुहाइ आरिसंभासा । तत्तो णिव्वाणसुहं णिगणासिधातु णद्धमलं ॥५२॥ हेदु गदं विविहत्थेहि अणंतं संखेज्जं अक्खराण गणणाए । एदं पमाणमुदिदं सिस्ताणं मइविकासयरं ॥५३॥ पमाणं गदं भवाण जेण एसा तेलेोकपयासणे परमदीवा। तेण गुणणाममुदिदं तिलोयपण्णत्तिणामेण ॥५४॥ णाम गदं कत्तारो दुवियप्पो णादचो प्रत्थगंथभेदेहि । दबादिवउपयारेहिं भासिम अत्थकत्तारो ॥५५॥ सेदर जाइमलेणं रत्तच्छिकदुक्खबाणमाक्खेहि । इयपहुदिदेहदोसेहिं संततमदूसिदसरीरो ॥५६॥ आदिमसंहणणजुदो समचउरस्संगचारुसंठीणो। दिव्ववरगंधधारी पमाणठिदरो(?)' मणुवरूवो ॥५॥ णिम्भूसणायुधंवरभीदी सोम्माणणादिदिब्धतणू । अभाहियसहस्सप्पमाणवरलक्खणोपेदो ॥५८॥ चउविहउक्सग्गेहि णिचविमुक्को कसायपरिहीणो। छुहपहुदिपरिसहेहिं परिचत्तो रायदोसेहिं ॥६॥ जोयणपमाणासंठितिरियामरमणुवनिवहपडिबोहो । मिदुमधुरगभीरतरा विसविसयसयलभासाहि ॥६॥ अट्टरसमहाभासा खुल्लयभासा वि सत्तसयसंखा। अक्खरअणक्खरप्पयसण्णी जीवाण सयलभासाओ ॥६॥ 1 B णुवमाण; 2 A पारसंभासा ; 3 णिद्ध (१); 4 s omits this gatha ; 5 s भासेमो ; .68 रत्तस्थिक; 7 AB विदोर; 8 ABS युधांबर; 9 Bs तिब्वत्तूणू ; IO A विसदयसंग, B विसदवसम, विसविसय ।

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