Book Title: Rajasthan me Hindi ke Hastlikhit Grantho ki Khoj Part 4
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Rajasthan Vishva Vidyapith

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Page 17
________________ १५५ ५३ जान कवि ५४ जान पुहकरण १०७ ५५ जिनदास १२६ ५६ जिन रत्न सूरि . १२० ५७ जिन रंग सूरि ८७, १०० ५८ जिन समुद्र सूरि ७४, १३५ १६३, २२६ २०३, २२६ ५६ जिन हर्ष ८५, १०१, (जसराज) १२३,१६१, ११६ ११ २५ १५६ ७५ द्विज तीर्थ७६ धर्मदास ७७ धर्म वर्धन (धर्मसी) ८७,११६, १६३ ७८ नय रंग ७६ नरसिंघ ८० नवलराम ८१ नागरी दाम ८२ नारायण दास ८३ निहाल चंद ८४ नैनचन्द यति ८५ नन्दलाल ८६ पोथल (पृथ्वीसींच) ८७ पुरुषोत्तम २१, ७० ८८ प्रज्ञानानन्द २प्रवीणदास २०० ६० फकीरचंद १८५ ६१ फतेसिंघ राठौड़ ६२ बद्री ६३ बालचंद ६४ बालदास ३८, १६८ ६५ बीरबल રૂર १६ ब्रह्मरुप १७ भगवान दास निरंजनी ५३,७६ ६८ भाडई १४६ EE भावना दास १७४,१७५ १०० मकरंद २३१ १८१ मगनलाल १२१,१५५ २३ १४७ ६० जेठमल ६१ जेमल ६२ ज्ञान सागर ६३ ज्ञान सार ३, ४, २४, २५, ४७,८४, १००, १०१,२१७,२२५ ६४ ज्ञाना नंद ६५ ठकुरसी ६६ दत्त ६६ ६७ दयाल ६८ दलपतराय १३७ ६६ दामोदर १६७ ७० दीपचद ११५ ७१ देवचंद्र १३७ ७२ देवीदास व्यास ७३ देवी सिंघ ८० ७४ दौलत खान २०२ १६७ १३

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