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से समझ सकते हैं । जिन मन्दिर के नीचे नीले रंग के पाषाण खण्ड स्वर्णगिरि के प्रतीक हैं । इस जिनमन्दिर और जिनप्रतिभा के सम्मुख ऊपर तीन पुरुष और नीचे तीन स्त्रियां बैठी हैं । तीन पुरुष वे भाई हैं कि जिन्होंने भगवान शान्तिनाथ के चरित्र का आलेखन वाली इन काष्ठपट्टिकाओं का निर्माण कराया होगा । ऐसा अनुमान है । और नीचे की पंक्ति में बैठी हुई तीन स्त्रियां प्रायः इन तीनों भ्राताओं की धर्मपत्नियां मालूम देती हैं । तीनों भ्राताओं में प्रथम दो दाढ़ी मूंछ है, तीसरे के नहीं अतः वह अभी किशोर युवक होगा तब ये पट्टिकाएं चित्रित हुई होगी ।
यह ग्रन्थ पन्यास श्री शीलचन्द्रविजयजी गणि द्वारा संपादित और L. D. इन्स्टीच्यूट आफ इण्डोलोजी अहमदाबाद से सचित्र प्रकाशित हुआ है ।
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