Book Title: Swarnagiri Jalor
Author(s): Bhanvarlal Nahta
Publisher: Prakrit Bharati Acadmy

View full book text
Previous | Next

Page 129
________________ स० २०२९ वैशा० शु० ६ मु० केसवणा वा० घोड़ा भूरमल ओटमल हस्ती० छगन मुनिसुब्रत बि० का० श्रे० पन्नालाल पारसमल सा० वा० श्री प्रतिष्ठायां प्रति बि. का. पं० श्री कल्याण श्री सोभा मुनि मुक्ति परि श्री जाबालीपुरे । सा १९४८ माघ सीत ५ प्रतिष्ठा कृता भ। राजेन्द्र । चरण सं० १९५५ फागुन कृष्ण ५ गुरौ समस्त संघेन वर्धमान जिन पगल्या कारितं प्रतिष्ठितं भट्टारक श्री विजयराजेन्द्रसूरिभिः प्रतिष्ठाकृता जसरूपजी ताभ्यां आहो। संवत् १७७० वर्ष वैशाख सुदि १२ सत्रा सत्रधर टाहात सत्रा पाताकेन सत्र चतरभुजः । (चौमुख मन्दिर के बाहर दिबाल पर )। जालोर नगर में तोपखाना नाम से प्रसिद्ध स्थान जो डी० आर० भण्डारकर के अनुसार कम से कम चार देवालयों की सामग्री से निर्मित है जिनमें एक तो सिन्धुराजेश्वर नामक हिन्दु मन्दिर और अन्य तीन आदिनाथ, पार्श्वनाथ और महाबीर स्वामी के जिनालय थे, इनमें पार्श्वनाथ जिनालय किले पर था। १-यह लेख इस तोपखाना के परसाल के एक कोने के स्तंभों पर उत्कीणित है। पहले एक श्लोक में भ० ऋषभ देव की स्तुति है और बाद में गद्य में महाराजा कीत्तिपालदेव के पुत्र समरसिंह देव का उल्लेख है ये कात्तिपालदेव चौहान वंश रूप आकाश में चन्द्र के समान, अणहिलान्वयोद्भव महाराजा आल्हण के पुत्र थे। फिर राजपुत्र जोजल का नाम है जो पील्वाहिका मंडल के तस्कर का दमनकारक था। बाद के श्लोक में समरसिंह का वर्णन है। ये जोजल इनके मामा थे और परबतसर प्रान्त का पालवा ही उपयुक्त पीलवाहिका मंडल होगा। जिस मन्दिर के मंडप का यह लेख है उसका निर्माण श्रीमालवंश के सेठ यशोदेव के पुत्र परम श्रावक यशोवीर ने अपने भ्राता यशोराज, जगधर आदि के साथ कराया था। चन्द्रगच्छ के आचार्य श्रीचन्द्रसूरि के शिष्यपूर्णभद्रसूरि का यह यशोवीर भक्त था और मंडप का निर्माण काल सं० १२३९ वैशाख सूदि ५ ( ई० सन् ११८३ ता० २८ अप्रेल ) गुरूवार है। श्लोक ४ से ७ पर्यन्त मण्डप की प्रशंसा की हुई है ईस प्रशस्ति की रचना श्रीपूर्णभद्रसूरि ने की है। २-दूसरा लेख भी इसी तोपखाना की मेहराब पर लगा हुआ है। सं० १२२१ में श्री जावालिपुर के कांचन ( सुवर्ण ) गिरि गढ़ पर हेमचन्द्राचार्य प्रतिबोधित गूर्जरेश्वर चौलुक्य परमार्हत् महाराजा कुमारपाल द्वारा निर्मापित १०४ ]

Loading...

Page Navigation
1 ... 127 128 129 130 131 132 133 134