Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainand Pustakalay

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ॥औपपातिकमुपांगं ॥ तेणं कालेणं तेणं सभएणं चंपा नामं नयरी होत्था रिद्धस्थिमियसमिद्धा पमुइयजण (जणुजाण पा०) जाणवया आइण्णजणमणुस्सा हलसयसहस्ससंकिट्ठविकिट्ठलट्ठपण्णत्तसेउसीमा कुक्कुडसंडेअगामपउरा उच्छुजवसालिकलिया(मालिणीयापा०)गोमहिसगवेलगप्पभूता आयारवंतचेइयजुवइविविह (अरिहन्तचेइयजणवयवि० सुयागचित्तचेइयजुय० पा०) सण्णिविट्ठबहुला उक्कोडियगाय (गाह पा०) गठिभेयभडतकरखंडरक्खरहियाखेमाणिरुवद्दवासुभिक्खा वीसत्थसुहावासाअणेगकोडिकुडुंबियाइण्णणिव्वुयसुहाणडणट्टग्जालमालमुट्ठियवेलंबयकहगपवगलासगआइक्खगलंखमखतूणइल्लतुंबवीणियअणेगतालायराणुचरिया आरामुजाणअगडतलागदीहियवप्पिणिगुणोववेया (नंदणवणसनिभप्यागास पा०) उविद्धविलगंभीरखायफलिहा चक्कग्यमुसुंढिओरोहस्यग्घिजमलकवाडघणदुप्पवेसा धणुकुडिलवंकपागारपरिक्खित्ताकविसीसयवट्टरइयसंठियविरायमाणाअट्टालयचरियदारगोपुरतोरणउण्णयसुविभत्तरायमग्गाछेयायरियरइयदढफलिहइंदकीला विवणिवणिच्छेत्त (छेय पा०) सिप्पियाइण्णणिब्बुयसुहा सिंघाडगतिगचउक्कचच्चर (चउम्मुहमहापहपहेसु पा० ) पणियावणविविहवत्थुपरिमंडिया सुरभ्मा नरवइपविइण्णमहिवइपहा अणेगवरतुरगमत्तकुंजररहपहकरसीयसंदमाणीया॥ औपपातिकमुपांग ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private and Personal Use Only

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