Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainand Pustakalay

View full book text
Previous | Next

Page 78
________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shes Kilassagarsun Gyarmandie || अव्वाबाहं सुक्खं अणुहोंती सासयं सिद्धा ॥ २९ ॥ अतुलसुहसागरगयाअव्वाबाहं अणोवमं पत्ता । सव्वभागयमद्धं चिट्ठति सुही|| सुहं पत्ता ॥ ३० ॥ २२॥ इति श्री औपपातिकमुपांगं सूत्रं संपूर्ण ॥ प्रभु महावीरस्वामीनी पट्टपरंपरानुसार कोटीगण-वैरी शाखाचान्द्रकुल प्रचंड प्रतिभा संपन्न, वादी विजेता प्रभोपास्य पू. मुनि श्री झवेरसागरजी म.सा. शिष्य बहुश्रुतोपासक, सैलाना नरेश प्रतिबोधक, देवसूर तपागच्छ, समाचारी संरक्षक, आगमोध्धारक पूज्यपाद आचार्यदेवेश् श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी महाराजा शिष्य प्रौढ प्रतापी-सिध्धचक्र आराधक समाज संस्थापक पूज्यपाद आचार्य श्री चन्द्रसागर सूरीश्वरजी म. सा. शिष्य चारित्र चूडामणी, हास्य विजेतामालवोध्धारक महोपाध्याय श्रीधर्मसागरजी म.सा. शिष्य आगम विशारद, नमस्कार महामंत्र समाराधक पूज्यपाद पंन्यास प्रवर श्री अभयसागरजी म. सा. शिष्य शासन प्रभावक, नीडर वक्ता पू. आ. श्री अशोकसागर सूरिजी म.सा. शिष्य परमात्म भक्ति रसभूत पू. आ. श्री जिनचन्द्रसागर सू.म.सा. लघुगुरु प्रवचन प्रभावक पू.आ. श्री हेमचन्द्रसागर म.सा. शिष्य पू. गणी श्री पूर्णचन्द्रसागरजी म. सा. आ आगमिक सूत्र अंगे सं. २०५८ /५९/६० वर्ष दरम्यान संपादन कार्य माटे महेनत करी प्रकाशन दिने पू. सागरजी म. संस्थापित प्रकाशन कार्यवाहक जैनानंद पुस्तकालय, सुरत द्वारा प्रकाशित रेल छे... ॥ औपपातिकमुपांग ॥ |पू. सागरजी म. संशोधित For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 76 77 78 79 80 81