Book Title: Gnatadharmkathanga Sutram Part 02
Author(s): Kanahaiyalalji Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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भनगारधर्मामृतवषिणी टीका अ० ९ माकम्दिदारक परितनिरूपणम् ॥ यामि ? ' इति । ततः खलु तौ माकन्दिकदारको ' उढाए ' उत्थया स्वकीयोस्थानशक्त्या — उति ' उत्तिष्ठतः, उत्थाय करतलपरिगृहीतं शिरआवत दशनखं मस्तकेऽअलि कृत्वा एवमवादिष्टाम्-'आवां तारय, आवां पालय ' इति । ततः खलु स शैलको यक्षस्तौ माकन्दिकदारको एवमवादीत्-एवं खलु हे देवानुप्रियो ! युवयो मया साई लवणसमुद्र मध्यमध्येन अन्तरामार्गेण 'वीइवयमाणाणं ' व्यतिपुष्कचणियं करेंति-करिता जाणु पायवडिया सुस्सूसमाणा णमंसमाणा पज्जुवासंति, तएणं से सेलए जक्खे आगतसमए पत्तसमए एवं वयासी-कं तारयामि कं पालयामि तएणं ते मागंदियदारया उदाए उठेति उहित्ता करयल० एवं वयासी-अम्हे तारयाहिं अम्हें पालयाहि ) नमस्कार कर फिर उन्हों ने उस की आराधना-की। आराधन कर के फिर वे दोनों अपने घुटने और पैर टेक कर उस के चरणों पर पड़ गये। इस प्रकार घार २ उस की सेवा करते हुए वे वहां रहने लगे-जय उचित अवसर प्राप्त हुआ और उस शैलकयक्ष ने ऐसा कहा-किमैं किस को तारू, किस को पार उतारूँ-तो उसी समय उठ कर इन दोनों माकंदी दारकों ने उस से दोनों हाथ जोड़ कर ऐसा कहा-आप हमें तारिये हमें पार उतारिये-(तएणं से सेलए जक्खे ते मागंदिय० एवं वयासी ) उस दोनों माकंदी-दारकों को इस बात को सुनकर उस शैलक यक्ष ने उन से ऐसा कहो- ( एवं खलु देवाणुपिया! तुम्भं मएसद्धि लवणसमुदं मज्झं २ वीइवयमणाणं सा रयगदीवदेवया
(करिता महरिहं पुष्चगियं करेंति-करिता जाणुपायवडिया सुस्वममाणा णमंसमाणा पज्जुवासंति, तएणं से सेलए जक्खे आगत समए पत्तसमए एवं वयासी कं तारयामि कं पालयामि तएणं ते मागंदिय दारया उठाए उठेति उहिता करयल० एवं वयासी- अम्हे तारयाहिं अम्हें पालयाहि )
નમન કરીને તેઓએ તેની આરાધના કરી. આરાધના કરીને તેઓ બંને જમીન ઉપર ઘૂંટણ ટેકીને તેને ચરણમાં આળેટી ગયા. આ રીતે વારંવાર તેની ઉપાસના કરતાં તેઓ બંને ત્યાં જ રહેવા લાગ્યા. જ્યારે ઉચિત સમય આવ્યો ત્યારે શૈલક યક્ષે એમ કહ્યું–કે કેને હું તારું અને કેને પાર ઉતારે તરત જ માર્કદી દારકો ઊભા થયા અને બંને હાથ જોડીને યક્ષને વિનંતી ४२१॥ वाया तमे सभने ॥२॥ मने पार उतारे. (तरण से सेलए जक्से ते म दिय० एव वयासी) ने
भ नी विनती समजान शैक्ष યક્ષે એને કહ્યું કે –
(एवं खलु देवाणुप्पिया तुम्भं मए सदि लवणसमुई मज्नं २ बीइयवयमाणा
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