Book Title: Gnatadharmkathanga Sutram Part 02
Author(s): Kanahaiyalalji Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 808
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir . लाताच 'ओसहभेसरजमनपायोग' औषध भैषज्यभक्तपानेन औषधमेकमाया साध्यं, भेषज-अनेकद्र्व्यसंयोगनिष्पन्न भक्तपानम्-आहारः, पानम्=पानी तेना, पड़ियारकम्म ' प्रतिचारकर्म-सेवारूप कर्म कुर्वन्तो विहरन्ति । ___ सतस्तदनन्तर खलु बन्दः नन्दनामामणिकारश्रेष्ठी, ' उचरिल्ले ' उससे बसण्डे एकां महतीं ' अलंकारियसभं ' अलंकारिकसभा-नापितकर्मशाला कार भति, कीशीम् ? अमेकस्तम्भशतसंनिविष्टां यावत्-मतिरूपाम् , तत्र तस्या नापितकर्मशालायां वहवोऽलङ्कारिक पुरुषा:-नापिताः, दत्तभृतिभक्तवेतमाः बहूनां द्रष्य साध्य दवाका माम औषध है और जो अनेक दवाओं के संयोगसे दधाई तैयार की जाती है वह भैषज्य है (तरण गदे उत्तरिल्ले वणसं एग मह अलंकारियसभं करावेह अणेगखंभलयसनिचिढ़ जाव पडिरूप, तस्य वह अलंकारियपुरिमा दिनभइभत्तवेयणा पट्टणं समणाण ५ माहणाग य अणाहाण य गिलाणाण य रोगियाण य कुक्लाण व अलंकारिग कम्मं करेमाणार विहरंति सएणं तीए नंदाए पोखकिणीए बहवे सणाहा ये अणाहा य पंथिया च पहियाय करोडिया व कापडियाय तणहारा पसहारा य कहाराय अप्पेगइया हायति, अप्पेगइया पाणियं पियेति, अपगड्या पाणिये संवहंति, अप्पेगइया विसज्जिय से य जल्लमास परिसमनिई खुप्पिवासा सुहं सुहेणं विहरंति ) इस के बाद उस मणिकार श्रेष्ट्री नंद ने उत्तर दिशा संबन्धी धनषंड में एक बड़ी सही नापित कर्म शाला पनवाई । यह भी सैकड़ों खंभों से निर्मित की गई શબ્દથી ગૃહીત થયેલા છે. એક દ્રવ્ય-સાધ્ય દવાનું નામ ઔષધ ” છે અને જે અનેક (ઘણી) દવાઓના મિશ્રણથી તૈયાર કરવામાં આવે છે તે શ્રેષય છે. (तपणे दे उत्सरिल्ले वणसंडे एग' मह अलकारियसभ करावेइ अणेगखंभसयः समिबिटुं जाव पडिरूष', तत्थणं बहवे अलंकारियपुरिसा दिन्नभइभसवेयणा वहूण समणाण य, माहणाण य, अणाहाण य, गिलाणाण य, रोमियाण य, दुच्छलाण थ, अलंकारियकम्म करेमाणा २ विहरति तएणं तीए नदाए पोक्खरिणीए बह सणाहा य अणाहा य प'थिया य, पहिया य करोडीया च कप्पडिया य तणहारा य, पत्तहारा य कटुहारा य अपेगइया व्हायति, अप्पेगइया पाणिय पियंति अप्पेगइय। पाणिय संवहति, अप्पेगइया विसज्जिय से य जल्लमलपरिसमनि खुप्पिवासा सुह सुहेण विहरति ) त्या२पछी ते मणि२ श्रेठी उत्तर हिशाना વનખંડમાં એક વિશાળ નાપિત કમશાળા ( હજામ શાળા ) બનાવડાવી. તે પણ સેંકડે થાંભલાઓ ઉપર બાંધવામાં આવી હતી. જોવામાં તે ખૂબ જ For Private And Personal Use Only

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