Book Title: Magadh Author(s): Baijnath Sinh Publisher: Jain Sanskruti Sanshodhan Mandal View full book textPage 8
________________ मगध ( इतिहास और संस्कृति) वेदों में मगध का उल्लेख अंगुत्तर निकाय के अनुसार मगध भारतवर्ष के प्राचीन सोलह महा जनपदों में से एक जनपद था। ऋग्वेद में मगध शब्द का स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता । ऋग्वेद में कोकटों के देश का उल्लेख इस प्रकार है :किं ते कृण्वन्ति कीकटेषु गावो नाशिरं दुह न तपन्ति धर्मम् । आ नो भर प्रमगन्दस्य वेदो नैचाशाखं मघवन् रन्धया नः॥ -ऋग्वेद, २५३११४. अर्थात्-वे क्या करते हैं कीकटों के देश में जहाँ गायें पर्याप्त दूध नहीं देतीं और न उनका दूध ( सोमयाग के लिये ) सोमरस के साथ मिलता है । हे मघवन् तू प्रमगन्द के सोमलता वाले देश को भली भाँति हमारे हुंकार से भर दो। यहाँ प्रमगन्द से नैचा शाखा (नीच जाति-अनार्य ; स्थान-पूर्व) की ओर संकेत है । और प्रमगन्द = अवैदिक ; स्थान पश्चिमोत्तर की ओर संकेत है। यह याद रहे कि इस समय वैदिक आर्यों की आवास-भूमि भी मध्यदेश था । यहाँ मगध शब्द का उल्लेख नहीं है, पर कोकटों का देश ही मगध है । मगध के प्रति हीन भावना है। मगध मध्यदेश के पूर्व में है।Page Navigation
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