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जैनसम्प्रदायशिक्षा ॥ ___ मैले पानी का मेल होता है, इसलिये उस पानी के पीने से मरोड़ा और अतीसार का
रोग उत्पन्न हो जाता है ॥ ३-अजीर्ण-भारी अन्न और खराब पानी से पाचनशक्ति मन्द पड़ कर अजीर्ण रोग
उत्पन्न होता है ॥ ४-कृमि वा जन्तु-खराब अर्थात् बिगड़े हुए पानी से शरीर के भीतर अथवा शरीर
के बाहर कृमि के उत्पन्न होने का उपद्रव हो जाता है, यह भी जान लेना चाहिये किखच्छ पानी कृमि से उत्पन्न होनेवाले त्वचा के ददों को मिटाता है और मैला पानी
इसी कृमि को फिर उत्पन्न कर देता है ॥ ५-नहरू (वाला) नहीं का दर्द बड़ा भयंकर होता है, क्योंकि इस के दर्द से
बहुत से लोगों के प्राणों की भी हानि हो जाने का समाचार सुना गया है, यह रोग
खासकर खराब पानी के स्पर्श से तथा विना छने हुए पानी के पीने से होता है । ६-त्वचा (चमडी) के रोग-दाद खाज और गुमड़े आदि रोग होने के कारणों. मेंसे एक कारण खराब पानी भी है तथा इस में प्रमाण यही है कि-जन्तुनाशक औषघोंसे ये रोग मिट जाते है और जन्तुओं की उत्पत्ति विशेष कर खराब पानी ही से
होती है | ७-विचिका (हैजा)-बहुत से आचार्य यह लिखते हैं कि-विचिका की उत्पत्ति
अजीर्ण से होती है तथा कई आचार्यों का यह मत है कि इस की उत्पत्ति पानी तथा हवा में रहनेवाले जहरीले जन्तुओं से होती है, परन्तु विचार कर देखा जावे तो इन दोनों मतों में कुछ मी भेद नहीं है, क्योंकि अजीर्ण से कृमि और कृमि से अजीर्ण का होना सिद्ध ही है ॥ अश्मरी (पथरी) पथरी का रोग मी पानी के विकार से ही उत्पन्न होता है, लोग यह समझते है कि भोजन में घूल अथवा कंकड़ों के आ जाने से पेट में जाकर ' पथरी बँध जाती है, परन्तु यह उन की मूल है, क्योंकि पथरी का मुख्य हेतु खारबाला जल ही है अर्थात् खारवाले जल के पीनेसे पथरी हो जाती है ॥ १-इस बात का अनुभव तो बहुत से लोगों को प्राय हुआ ही होगा ॥ २-जांगल देश का पानी लगने से जो रोग होता है उस को "पानीलगा" कहते हैं। ३-मारवाडं देश के प्रामों में यह रोग प्रायः देखा जाता है, जिस का कारण ऊपर लिखा हुआ ही है । ४-इस बात को गुजरात देशवाले बहुत से लोग समझते हैं ।
५-असल में यह बात माधवाचार्य के भी देखने में नहीं आई, ऐसा प्रतीत होता है, किन्तु प्राचीन जैन सोमाचार्य ने जो बात लिखी है उसी को आधुनिक डाक्टर लोग भी मानते है॥
६-पानी के विकार से होनेवाले ये कुछ मुख्य २ रोग लिखे गये है तथा ये अनुभवसिद्ध है, यदि इन में किसी को शंका हो तो परीक्षा कर निश्चय कर सकता है।