Book Title: Ratnastok Mnjusha
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Samyaggyan Pracharak Mandal

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Page 25
________________ तेईसवें तीर्थङ्कर की आयु चौबीसवें तीर्थङ्कर की आयु 100 वर्ष 72 वर्ष इनमें बीसवें व इक्कीसवें तीर्थङ्कर के बीच में 6 लाख वर्ष का अन्तर रहा तथा इन दोनों की आयु में ( 30,000-10,000 ) = 20,000 वर्ष का अन्तर रहा । इक्कीसवें तथा बाईसवें तीर्थङ्कर के बीच में 5 लाख वर्ष का अन्तर रहा तथा इन दोनों की आयु में (10,000-1,000) = 9,000 वर्ष का अन्तर रहा। बाईसवें तथा तेइसवें तीर्थङ्कर के बीच में 83,750 वर्ष का अन्तर रहा तथा इन दोनों की आयु में ( 1,000 -100) = 900 वर्ष का अन्तर रहा । तेइसवें व चौबीसवें तीर्थङ्कर के बीच में 250 वर्ष का अन्तर रहा तथा इन दोनों की आयु में (10072) 28 वर्ष का अन्तर रहा। अत: निश्चित अनुपात निकालना सम्भव नहीं है। चूंकि अन्तिम चक्रवर्ती, बलदेव - वासुदेव के बाद में होगा, इसलिये देशोन 2,52,000 वर्ष का जघन्य विरह कहा जा सकता है। निश्चित रूप से गणना करना शक्य नहीं । 9. बलदेव व वासुदेव का जघन्य विरह 2,52,000 वर्षों का इस प्रकार समझना चाहिए वर्तमान अवसर्पिणी काल के अन्तिम बलदेव व वासुदेव, भगवान अरिष्टनेमि के समय में हुए हैं। उनसे भगवान महावीर स्वामी का अन्तर 84,000 वर्षों का, पाँचवाँ आरा 21,000 वर्षों का, छठा आरा 21,000 वर्षों का, उत्सर्पिणी काल का पहला और 20

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