Book Title: Ratnastok Mnjusha
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Samyaggyan Pracharak Mandal
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37.
बोल
जलचर स्त्री संख्यात गुणी
व्यन्तर देव संख्यात गुण
व्यन्तर देवी संख्यात गुणी
38.
39.
40. ज्योतिषी देव संख्यात
गुण
गुण
41. ज्योतिषी देवी संख्यात गुणी 42. खेचर नपुंसक (गर्भज ) सं. गुण 43. थलचर नपुंसक (गर्भज) सं. गुण 44. जलचर नपुंसक (गर्भज) सं. 45. चौरेंद्रिय के पर्याप्त संख्यात गुण 46. पंचेन्द्रिय के पर्याप्त विशेषाधिक 47. बेइन्द्रिय के पर्याप्त विशेषाधिक 48. तेइंद्रिय के पर्याप्त विशेषाधिक 49. पंचेन्द्रिय के अपर्याप्त असं. गुण 50. चौरेंद्रिय के अपर्याप्त विशेषाधिक 51. तेइंद्रिय के अपर्याप्त विशेषाधिक 52. बेइंद्रिय के अपर्याप्त विशेषाधिक 53. प्रत्येक शरीरी बादर वनस्पतिकाय के
जीव.
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पर्याप्त असंख्यात गुण
1
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54. बादर निगोद के पर्याप्त असं. गुण 55. बादर पृथ्वीकाय के पर्याप्त असं. गुण 1
गुण
1
56. बादर अप्काय के पर्याप्त असं. 57. बादर वायुकाय के पर्याप्त असं. बादर तेउकाय के अपर्याप्त असं. गुण 1
गुण
1
58.
गुण. योग. उप. ले.
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