Book Title: Ratnastok Mnjusha
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Samyaggyan Pracharak Mandal

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Page 53
________________ गति द्वार जीव गुणस्थान योग उपयोग लेश्या 1. नरक गति में 3 4 11 9 3 2. तिर्यञ्च गति में 145 13 9 6 3. तिर्यञ्चिनी में 2 5 13 9 6 4. मनुष्य गति में 3 14 15 126 5. मनुष्यिनी में 2 14 13 12 6 6. देव गति में 7. देवी में 24 119 4 8. सिद्ध गति में 0 0 0 2 0 ___ अल्पबहुत्व-सबसे थोड़ी मनुष्यिनी, उनसे मनुष्य असंख्यात गुण, उनसे नारकी असंख्यात गुण, उनसे तिर्यञ्चिनी असंख्यात गुण, उनसे देव असंख्यात गुण, उनसे देवी संख्यात गुण, उनसे सिद्ध अनन्त गुण और उनसे तिर्यञ्च अनन्त गुण हैं। । इन्द्रिय द्वार जीव गुणस्थान योग उपयोग लेश्या 1. सइन्द्रिय में 14 12 15 10 6 2. एकेन्द्रिय में 4 1 5 3 4 3. बेइन्द्रिय में 2 2 4 5 3 4. तेइन्द्रिय में 2 2 4 5 3 48

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