Book Title: Ratnastok Mnjusha
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Samyaggyan Pracharak Mandal

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Page 62
________________ 3. नो परीत नो अपरीत में 0 0 0 2 0 अल्पबहुत्व-सबसे थोड़े परीत, उनसे नो परीत नो अपरीत अनन्त गुण और उनसे अपरीत अनन्त गुण हैं। पर्याप्त द्वार जीव गुणस्थान योग उपयोग लेश्या 1. पर्याप्त में 7 14 15 126 2. अपर्याप्त में 7 3 5 9 6 3. नो पर्याप्त नो अपर्याप्त में 0 0 0 2 0 अल्पबहुत्व-सबसे थोड़े नो पर्याप्त नो अपर्याप्त, उनसे अपर्याप्त अनन्त गुण और उनसे पर्याप्त असंख्यात गुण हैं। सूक्ष्म द्वार जीव गुणस्थान योग उपयोग लेश्या 1. सूक्ष्म में 2 1 3 3 3 2. बादर में 12 14 15 126 3. नो सूक्ष्म नो बादर 0 0 0 2 0 अल्पबहुत्व-सबसे थोड़े नो सूक्ष्म नो बादर, उनसे बादर अनन्त गुण और उनसे सूक्ष्म असंख्यात गुण हैं। 57

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