Book Title: Ratnastok Mnjusha
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Samyaggyan Pracharak Mandal

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Page 61
________________ अल्पबहुत्व-सबसे थोड़े अनाकार उपयोगी और उनसे साकार उपयोगी संख्यात गुण। आहारक द्वार जीव गुणस्थान योग उपयोग लेश्या 1. आहारक में 14 13 14 12 6 2. अनाहारक में 8 5 118 10 6 अल्पबहुत्व-सबसे थोड़े अनाहारक, उनसे आहारक असंख्यात गुण हैं। भाषक द्वार जीव गुणस्थान योग उपयोग लेश्या 1. भाषक में 5 13 14 12 6 2. अभाषक में 10 5 5 11 6 अल्पबहुत्व-सबसे थोड़े भाषक, उनसे अभाषक अनन्त गुण परीत द्वार जीव गुणस्थान योग उपयोग लेश्या 1. परीत में 14 14 15 126 2. अपरीत में 14 119 136 6 18. चौदहवाँ गुणस्थान एकान्त अनाहारक है। 19. अपरीत में अभव्य जीव तथा कृष्ण पाक्षिक जीव आने से एक मिथ्यात्व गुणस्थान होता है। 56

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