Book Title: Ratnastok Mnjusha
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Samyaggyan Pracharak Mandal

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Page 45
________________ 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. चौदह गुणस्थानों का बासठिया गुणस्थानों के नाम मिथ्यात्व गुणस्थान में सास्वादन गुणस्थान में मिश्र गुणस्थान में देशविरत श्रावक गुण. प्रमत्तसंयत गुणस्थान में अप्रमत्तसंयत गुणस्थान निवृत्तिबादर गुणस्थान अनिवृत्तिबादर गुणस्थान में में जीव के भेद गुणस्थान योग उपयोग लेश्या अविरत सम्यग्दृष्टि गुण. में 2 में में 10. सूक्ष्मसंपराय गुणस्थान में 11. उपशांतमोह गुणस्थान में 12. क्षीणमोह गुणस्थान में 13. सयोगी केवली 14. अयोगी केवली 14 में 6 1 1 1 1 1 1 1 1 1 गुणस्थान गुणस्थान में 1 1 40 1 1 1 1 1 1 1 1 13 1 13 1 10 13 12 14 9 1 9 9 9 6 6 1 7 6 6 6 7 7 7 7 7 9 7 6 6 1 9 4 1 6 6 3 1 1 1 1 21 1 02 0

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