Book Title: Jyotishsara Prakrit
Author(s): Bhagwandas Jain
Publisher: Bhagwandas Jain

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Page 16
________________ ३० घडी में भद्रा वनविभाग भद्रावास संमुखी भद्रा विचार कुंभचक्र यमदंष्ट्रायोग चर योग तिथिकाल पाश वारकाल पाश छींक विचार विजय मुहूर्त प्रस्थान मुहूर्त्त प्रस्थान निषेध मध्यम प्रस्थान उत्तम प्रस्थान ताराबल ताराके नाम विषय बुधशुभाशुभ ६१ | गुरु शुभाशुभ ६२ | शुक्र शुभाशुभ ६३ | शनि शुभाशुभ ६४ | राहुकेतु शुभाशुभ ६४ | नवग्रह राशि प्रमाण ६५ | नवग्रहके नवमांश रवि शुभाशुभ चंद्र शुभाशुभ चन्द्रवास फल भौम शुभाशुभ ...... ६५ ग्रह फल ६५ पंचग्रहयकी तथा अतिचार के दिन संख्या....... ६६ ६७ | रविवासचक्र ६७ चंद्रवासचक्र ६८ भौमवासचक्र ६८ | बुधवासचक्र ६६ | गुरुत्रासचक्र ७० शुक्रवासचक्र ७० | शनिवासचक्र ७० शनिदृष्टि तिथि ७१ | राहुकेतु वास चक्र चन्द्रावस्था ७२ जैनाचार्य प्रणीत ज्योतिष की प्राचीन पुस्तकें | ...... ...... पृष्ठांक ७२ ७२ ७२ ७३ ७३ ७३ ७४ ७५ ७५ ७६ ७७ ७७ ७८ ७६ ७६ ८० ५१ ८१ ८२ ( हिन्दी अनुवाद समेत छपेगी ) १ गणितसार संग्रह - श्री महावीराचार्य प्रणीत गणितशास्त्रका पूर्वग्रन्थ । २ मेघमहोदय ( वर्ष प्रबोध ) - महामहोपाध्याय श्री मेघविजयगणि प्रणीत फलादेश का अत्युत्तम पंथ । ३ त्रैलोक्य प्रकाश - प्रतिभा सर्वज्ञ श्री देवेन्द्रसूरिके शिष्य श्रीहैमप्रभसूरि प्रणीत ताजिक प्रश्नका बड़ा चमत्कारी ग्रन्थ । -

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