Book Title: Jyotishsara Prakrit
Author(s): Bhagwandas Jain
Publisher: Bhagwandas Jain

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Page 66
________________ ज्योतिषसारः। भावार्थ शनिवार को दूसरा, शुक्रवार को सातवाँ, गुरुवार को चौथा, बुधवार को पहिला, मंगलवार को छठ्ठा, सोमवार को तीसरा और रविवार को आठवां अर्द्ध प्रहर कालवेला संज्ञक है ॥ ११ ॥ कुलिक योगसूर सग चंद छ8, मंगल पण बुध चउ य गुरु तीयं । भिगु बीयं रविसूय इग, अद्धपुहरं कुलिक परिमाणं ॥ १७२॥ भावार्थ-रविवार को सातवाँ, सोमवार को छहा, मंगल वारको पांचवाँ, बुधवार को चौथा, गुरुवारको तीसरा, शुक्रवार को दूसरा और शनिवार को पहिला यामार्द्ध कुलिक संज्ञक हैं। उपकुलिकयोग सनि छ? भिगु सत्तम, गुरु एग बध बीय तीय भूओ। चउरो ससि रवि पंचम, अद्धपुहर तिमही उवकुलिक ॥१७॥ ___ भावार्थ-शनिवार को छट्ठा, शुक्र धारको सातवाँ, गुरु वारको पहिला, बुधवार को दुजा, मंगलवार को तीसरा, सोमवार को चौथा और रविवारको पांचवां अर्द्धप्रहर उपकुलिक हैं। कंटकयोगभाणाइ तिउ ससि दुग, मंगल इग बुध सत्त सड गुरु थे। भिगु पंचम चउ थावर, अद्धपुहरं कंटकं असुहं ॥ १७४ ।। __ भावार्थ-रविवारको तीसरा, सोमवार को दूसरा, मंगळ पार को पहिला, बुधवारको साता, गुरुवारको छट्ठा, शुक्रवार

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