Book Title: Vishva Sanchalanno Muladhar
Author(s): Ratnabodhivijay, Sanyambodhivijay
Publisher: Jainam Parivar

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Page 13
________________ (4) भावाना वायुमंडलमा गुमराह बबली नदी पेऊन अनुशासन किद्धांतोमा व्यवस्थित र 어에 (ड) मैने तेरो पाग अनुशासनले समय शो तथा भजेधी दुरवा लाल पेन सुद्ध नेपाल तेमला पांसे होष्ट हम भुपननी व्यरमआग सुत रजप्रमत्त पुगे संयम लपनु यासल इस्पानी साथै प्रलु शासन ने संघना खल्युहय मारे लेखो 25 गुम्या सेवा शा सेमना शिष्याहि परिवार पाग गुरुला अर्थले सांगण छपारी रह्या छे, जसो साधुखो मुद्रा गयला गुरुहेवको गरछ नाको ओम सेवा पोयशो मुनितीनी सच्या तस्सू खागत वत रह्यो छे.वायलाखो अपरानो, शिजीरो, वगरे प्रवृत्तिरतो पड़ा स्वगुरुध्येतनाहरका मुभज सुंदर साल रही है अलु शासनना भन्यो जेगोने अगर fam लोमनी यामलाल पूडली मारे शाहपुर खाले मानस मेहिरानी स्थापना पाग यही छ, (लेखा) सत्याहिदया ही पाग पुन्यजन योग्ना ३प जारी गरेरी (ज) 84) awla विषयो पर नानी नाल इक्र्सनुस सरज भाषामा तैयार थाय रुके लेलो लालन प्राप्त व्यच्छ पिण्याडे शान सरपंचांशी प्रात या रात क्या गुरुयनी हरछा पूर्ण पानी प्रेरिल मारो शिष्य साम संयमबोधित ऩ एक ঈন होते जब प्रशस्य छो आनंदना षय पं. सारा गाय ही सेयय तपना एगा सारा स प्रलापना पांग सुंदर मेरो हई 201 डायो तेसो हर सरजताको प्राप्त कि खेटनु ४ स्वाराधना साथै शासन र बहु पाग रचना ल्युध्यना गुरुध्यनी हरखा प्रयत्लास जने ४ शुभेच्छा शुभाशीष धनतेरस से २०५७ सुरक्षनगर पाग पूर्ण रजन्य आले सहजताले परे हेमचंद्र

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