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कालिदास पर्याय कोश
तौ दम्पति वशिष्ठस्य गुरोर्जग्मतुराश्रमम् । 1/35
वे दोनों पति-पत्नी, वहाँ से अपने कुलगुरु वशिष्ठजी के आश्रम की ओर चले । तौ दंपती स्वां प्रति राजधानीं प्रस्थापयामास वशी वशिष्ठः । 2/70 जितेन्द्रिय वशिष्ठ जी ने राजा और रानी दोनों को आशीर्वाद दिया कि तुम्हारा मार्ग आनंद से कटे और उन्हें अयोध्या के लिए विदा कर दिया ।
तौ दंपती बहु विलप्य शिशोः प्रहर्त्रा । 9 /78
वे दोनों पति-पत्नी डाढ़ मारकर रोने लगे और अपने पुत्र के हत्यारे को । 3. मिथुन :- जोड़ा, दंपती ।
प्रदक्षिणप्रक्रमणात्कृशानोरुदर्चिषस्तन्मिथुनं चकासे । 7/24
अ और इन्दुमती जब अग्नि का फेरा देने लगे, उस समय ऐसा जान पड़ता था ।
दक्षिण
1. दक्षिण :- [ दक्ष् +इनन् ] दायाँ, दाहिना, दक्षिण, योग्य, सुहावना, सुखकर, रुचिकर, सक्षम, शिष्ट, नागर ।
आददे नाति शीतोष्णो नभस्वानिव दक्षिणः । 4/8
जैसे वसंत का वायु बहुत शीत या गरम न होने के कारण सब को भाता है
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दिशि मंदायते तेजो दक्षिणस्यां खेरपि । 4/49
दक्षिण दिशा में प्रतापी सूर्य का तेज भी मंद पड़ जाता है।
स विश्वजितमाज यज्ञं सर्वस्वदक्षिणम् । 4/86
रघु ने विश्वजित् नामका यज्ञ किया जिसमें उन्होंने अपनी सारी संपत्ति दक्षिणा में दे दी।
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अक्षबीजवलयेन निर्बभौ दक्षिणश्रवण संस्थितेन यः । 11/66
उनके दाएँ कान पर इक्कीस दाने की रूद्राक्ष की माला लटक रही थी ।
दक्षिणां दिशमृक्षेषु वार्षिकेष्विव भास्करः । 12/25
जैसे वर्षा के दश नक्षत्रों में ठहरता हुआ सूर्य दक्षिण को घूम जाता है, वैसे ही वे दक्षिण की ओर बढ़ चले ।
तमुपाद्रवदुद्यम्य दक्षिणं दोर्निशाचरः । 15/23
तब वह राक्षस, अपना दाहिना हाथ ऊपर उठाए हुए झपटा। 2. वामेतर : - [ वा+मन् + इतर] दाहिना, दक्षिणी, सही, ठीक ।