Book Title: Kalidas Paryay Kosh Part 01
Author(s): Tribhuvannath Shukl
Publisher: Pratibha Prakashan

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Page 455
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra रघुवंश www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुन्दरी 1. सुन्दरी : - [ सुन्द + अर् + ङीप् ] मनोरम स्त्री । बभूवुरित्थं पुरसुन्दरीणां त्यक्तान्यकार्याणि विचेष्टितानि । 7/5 उनको देखने के लिए नगर की सुंदरियाँ अपना-अपना काम छोड़कर । 2. सुवदना :- सुन्दरी, मनोरम स्त्री । सुवदनावदनासवसंभृतस्तदनुवादिगुणः कुमोद्गमः । 9 / 30 बकुल के जो वृक्ष सुन्दरी स्त्रियों के मुख की मदिरा के कुल्ले से फूल उठे थे । सुर 1. दिवौकस : - [ दिव + औकसः ] स्वर्ग का रहने वाला, देवता । न केवलं सद्मनि मागधीपतेः पथि व्यजृम्भन्त दिवौकसामपि। 3/19 केवल सुदक्षिणा के पति दिलीप के ही राजभवन में ही नहीं, वरन् आकाश में देवताओं के यहाँ भी नाच-गान हो रहा था । भोगिभोगासनासीनं ददृशुस्तं दिवौकसः । 10/7 देवताओं ने देखा कि विष्णु भगवान् शेष- शय्या पर लेटे हैं। 2. देव :- [ दिव् + अच्] देव, देवता । निशम्य देवानुचरस्य वाचं मनुष्यः देवः पुनरप्युवाच । 2/52 राजा ने एक ओर देवताओं के अनुचर सिंह की बातें सुनी और दूसरी ओर कातर गाय को देखा, फिर वे बोले । अथोरगारव्यस्य पुरस्य नाथं दौवारिकी देवसरूपमेत्य । 6/59 तब सुनंदा उसे देवता के समान मनोहर नागपुर के राजा के पास । साधयाम्यहम विघ्नमस्तु ते देवकार्यमुपपादयिष्यतः । 11 / 91 आप देवताओं का जो कार्य करने के लिए आए हैं, वह निर्विघ्न पूरा हो । वृषेव देवो देवानां राज्ञां राजा बभूव सः । 17/77 जैसे इन्द्र देवताओं के देवता हैं, वैसे ही वे भी राजाओं के राजा हो गए। 443 For Private And Personal Use Only दधुः शिरोभिर्भूपाला देवाः पौरंदरीमिव । 17/79 जैसे देवता लोग इंद्र की आज्ञा मानते हैं, वैसे ही राजा लोग भी अपने छत्र उतारकर ।

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