Book Title: Kalidas Paryay Kosh Part 01
Author(s): Tribhuvannath Shukl
Publisher: Pratibha Prakashan

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Page 454
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 442 www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कालिदास पर्याय कोश मानो बिना सौत की होकर राज्य लक्ष्मी ही, उनके हृदय में सुख से निवास करने लगी । सुदक्षिणा 1. मागधी : - [ मगध् + अण् + ङीप् ] मगध देश की राजकुमारी, सुदक्षिणा का विशेषण | तयोर्जगृहतुः पादान्राजा राज्ञी च मागधी । 1 / 57 राजा दिलीप और मगध की राजकुमारी रानी सुदक्षिणा ने चरण छूकर उन्हें प्रणाम किया । न मे ह्रिया शंसति किंचिदीप्सितं स्पृहावती वस्तुषु केषु मागधी । 3/5 राजा दिलीप यह समझते थे कि सुदक्षिणा बड़ी लजीली है और अपनी इच्छा हमसे प्रकट नहीं करती है। तथा नृपः सा च सुतेन मागधी ननन्दतुस्तत्सृदशेन तत्समौ । 3/23 वैसे ही राजा दिलीप और रानी सुदक्षिणा भी उन दोनों के ही समान तेजस्वी पुत्र पाकर बड़े प्रसन्न हुए । 2. सुदक्षिणा : - [ सु + डु + दक्षिणा ] राजा दिलीप की पत्नी का नाम । प्रदक्षिणी कृत्य पयस्विनीं तां सुदक्षिणा साक्षतपात्रहस्ता । 2/21 पहले तो सुदक्षिणा ने हाथ में अक्षत आदि सामग्री लेकर नंदिनी की पूजा करके प्रदक्षिणा की। वंशस्य कर्तारमनन्तकीर्तिं सुदक्षिणायां तनयं ययाचे | 2/64 यह वर माँगा कि मेरी प्यारी रानी सुदक्षिणा के गर्भ से ऐसा यशस्वी पुत्र हो, जिससे सूर्यवंश बराबर बढ़ता चले। निदानमिक्ष्वाकुकुलस्य संततेः सुदक्षिणा दौर्हृदलक्षणं दधौ । 3/1 धीरे-धीरे रानी सुदक्षिणा के शरीर में उस गर्भ के लक्षण दिखाई देने लगे, जो इस बात के प्रमाण थे, कि अब इक्ष्वाकु वंश बराबर चलता रहेगा । नृपस्य नाति प्रमनाः सदोगृहं सुदक्षिणा सूनुरपि न्यवर्तत। 3/67 सुदक्षिणा के पुत्र रघु भी अपने पिता राजा दिलीप की सभा में खिन्न मन से लौट आए । For Private And Personal Use Only

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