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कालिदास पर्याय कोश
6. कामिनी : - [ कम् + णिनि] प्रेम करने वाली, स्नेहमयी, प्रिय स्त्री ।
परिवृद्ध राग मनुबन्ध सेवया मृगया जहार चतुरेव कामिनी । 9/69 दशरथ का मन आखेट व्यसन ने उसी प्रकार लुभा लिया, जैसे कोई स्त्री अपने पति की सेवा करके उसे वश में कर लेती है ।
कामिनी सहचरस्य कामिनस्तस्य वेश्मसु मृदङ्गनादिषु । 19/5
वह कामी राजा कामिनियों के साथ उन भवनों में दिन-रात रहने लगा, जिनमें बराबर मृदंग बजते रहते थे ।
7. गृहिणी : - [ गृह + इनि + ङीष् ] गृहस्वामिनी, पत्नी, गृहपत्नी । तामिन्तकन्यस्तबलिप्रदीपामन्वास्य गोप्ता गृहिणी सहाय: | 2/24 राजा दिलीप अपनी पत्नी के साथ बहुत देर तक नंदिनी की सेवा और पूजा करते रहे ।
गृहिणी सचिवः सखी मिथः प्रिय शिष्या ललिते कला विधौ । 8/67 तुम्हीं मेरी स्त्री थी, सम्मति देने वाली थी, एकांत की सखी थी और गान विद्या आदि कलाओं के ललित कार्यों में शिष्या थी ।
लौल्यमेत्य गृहिणीपरिग्रहान्नर्तकीष्वसुलभासु तद्वपुः । 19/19
जब कभी रानियाँ (पत्नियाँ) उसे रोक लेतीं, तब नर्तकियों के न मिलने से विरह कातर हो जाता और नर्तकी का चित्र बनाने लगता ।
8. जाया :- [जन् + यक् + टाप्, आत्व] पत्नी ।
अथ प्रजानामधिपः प्रभाते जायाप्रति ग्राहित गन्ध माल्याम् | 2/1 दूसरे दिन प्रातःकाल राजा दिलीप की पत्नी सुदक्षिणा ने पहले फूल, माला चंदन लेकर नंदिनी की पूजा की। प्रथमपरिगतार्थस्तं रघुः संनिवृतं विजयिनमभिनन्द्य श्लाघ्यजायासमेतम् ।
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रघु को यह समाचार पहले ही मिल चुका था । इसलिए उन्होंने सुंदर पत्नी के साथ आए हुए विजयी अज का स्वागत किया ।
रत्नाकरं वीक्ष्य मिथः स जायां शमाभिधानो हरिरित्युवाच। 13/1
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तथा राम कहलाने वाले विष्णु भगवान्, समुद्र को देखकर एकांत में अपनी पत्नी सीताजी से बोले ।
. किमात्मनिर्वाद कथामुपेक्षे जायामदोषामुत संत्यजाममि । 14/34