Book Title: Kalidas Paryay Kosh Part 01
Author(s): Tribhuvannath Shukl
Publisher: Pratibha Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 448
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 436 कालिदास पर्याय कोश सारथ्य 1. सारथ्य :-सहायक, सहकार। स्वयमेव हि वातोऽग्नेः सारथ्यं प्रतिपद्यते। 10/40 क्योंकि आग की सहायता के लिए वायु से कहना नहीं पड़ता, वह तो स्वयं आग को उभाड़ देता है। 2. सहायक :-सहायता करने वाला, सहकार। स कुलोचितमिन्द्रस्य सहायकमुपेयिवान्। 17/5 अपने कुल की चलन के अनुसार कुश भी एक युद्ध में इन्द्र की सहायता करने गए। सीता 1. जनकात्मजा :-[जन् + णिच् + ण्वुल् + आत्मजा] जनक की पुत्री सीता का विशेषण। लङ्केश्वर प्रणति भङ्गदृढ़व्रतं तद्बन्धं युगं चरणयोर्जनकात्मजायाः। 13/78 सीताजी के जिन चरणों ने रावण की प्रणय-प्रार्थना को दृढ़ता पूर्वक ठुकरा दिया था। इत्युक्तवन्तं जनकात्मजायां नितान्त रूक्षाभिनिवेशमीशम्। 14/43 'सीताजी की दशा पर दया करके, उसका पक्ष लेकर मेरे इस निश्चय का विरोध मत करो', जब राम ने यह कहा तो। 2. जानकी :-[जनक + अण् + ङीप्] जनक की पुत्री सीता, राम की भार्या। जानकी विषवल्लीभिः परीतेव महौषधिः। 12/61 चारों ओर राक्षसियों से घिरी सीताजी ऐसी लग रही थीं, जैसे विष की लताओं के बीच में संजीवनी बूटी हो। 3. पार्थिवी :-[पार्थिव + ङीप्] सीता का विशेषण, धरती की पुत्री। पार्थिवीमुदवहद्रघूद्वहो लक्ष्मणस्तदनुजामथोर्मिलाम्। 11/54 राम का सीता से और लक्ष्मण का सीता जी की छोटी बहन उर्मिला से विवाह हुआ। 4. मैथिलसुता :-[मिथिलायां भव:-अण् + सुता] सीता का विशेषण। For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487