Book Title: Jain Bal Gutka Part 01 Author(s): Gyanchand Jaini Publisher: Gyanchand Jaini View full book textPage 8
________________ जैनबालगुटका प्रथम भाग । २४-कामदेव। · १ बाहुबली २ अमिततेज,३ श्रीधर ४ दशभद्र ५ प्रसेनजित् ६ चन्द्रवर्ण ७ अग्निमुक्ति ८ सनत्कुमार. (चक्रवर्ती) ९ वत्सराज १० कनकप्रभ ११ सेधवर्ण,१२ शांतिनाथ (तीर्थकर) १३ कुंथुनाथ (तीर्थंकर) १४ अरनाथ (तीर्थंकर) १५ विजयराज १६ श्रीचन्द्र १७ राजानल १८ हनुमान १९ बलगजा २० वसुदेव २१ प्रद्युम्न २२ नागकुमार २३ श्रीपाल २४ जंबूस्वामी। नोट-५८ नाम तो यह और ६३ शलाका पुरुष और चौबीस तीर्थकरोंके ४८ माता पिता के नाम जो आगे २४ चित्रों में लिखे हैं इन में मिलाकर यह सर्व १६९ पुण्य पुरुष कहलाते हैं अर्थात् जितने पुण्यवान पुरुष हुए हैं उनमें यह मुख्य गिने जाते हैं। .१२ प्रसिद्ध मनुष्यों के नाम। १ नाभि २ श्रेयांस ३ बाहुबली ४ भरत ५ रामचन्द्र ६ हनुमान ७ सीता रावण ९ कृष्ण१०महादेव११ भीम१२ पार्श्वनाथ। ' नोट-कलकरों में नामिराजा, दान देने में श्रेयांस राजा, तप करने में बाहुबली एक साल तक कायोत्सर्ग खड़े रहे, भावको शुद्धता में भरत चक्रवर्ती दीक्षा लेते ही केवल ज्ञान हुवा वलदेवों में रामचद्र, कामदेवों में हनुमान सतियों में सीता,मानियों में रावण, नारायणों में कृष्ण रुद्रों में महादेव, बलवानों में भीम, तीर्थंकरों में पार्श्व नाथ यह पुरुष जगत में बहुत प्रसिद्ध हुए हैं । .: ५-तीर्थकरबालब्रह्मचारी वालुपज्य २ मल्लिनाथ ३ नेमिनाथ४पार्श्वनाथ ५ वर्द्धमान । मोट-यह बालब्रह्मचारी हुए हैं इन्होंने विवाह नहीं किया राज्य भी नहीं किया, कुमार अवस्था में ही दीक्षा ली। ... ३-तीर्थंकर तोनपदवी के धारी। . १ शांन्तिनाथ २ कुंथुनाथ ३ अरनाथ । नोट-यह ३ तीर्थकर चक्रवर्ती और कामदेव भी हुए हैं।Page Navigation
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