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(३०२) अन्य पासे जिनभवन बंधावQ अने पोते तेना कारसो एकत्र करवा एम पहेला श्लोकमां कयुं हतुं तो जिनभवनमा साधनभूत क्या कारणो एकत्र करवा तेनुं स्वरूप अहीं आचार्य स्पष्ट करे छे.
कारणविधानमेत___ च्छुद्धा भूमिर्दलं च दादि । भृतकानतिसंधानं,
स्वाशयवृद्धिः समासेन ॥ ६-३॥ मूलार्थ-जिनभवन निष्पत्तिना कारणकलापोर्नु संक्षेपथी विधान भा प्रमाणे जाणवू-शुद्ध भूमि, शुद्ध काष्ठ
आदि दळो, नोकर, चाकरो अने मजूरोने संतोषवा, तथा पोताना पवित्र आशयनी उत्तरोत्तर वृद्धि करवी. "स्पष्टीकरण"
श्रा श्लोकथी ग्रंथकार जिनभवन बांधवामां उपयोगी अंगो, संक्षेपथी वर्णन करे छे, एटले के जे साधनोवडे जिनभवनरूप कार्य बनी शके, कारणोनुं विशिष्ट भान थाय त्यारपछी तेनी विशिष्ट शुद्धि करवाथी कार्य पण विशिष्ट शुद्ध तैयार थाय; माटे अहीं कारण विधाननो उपदेश प्राप्यो छे. नहींया जे जे कारणो दर्शाव्या के ते प्रत्येकनुं स्वरूप अने तेनी शुद्धि केम साचववी ? ते तो ग्रंथकार महाराज पोते व