Book Title: Acharang Sutram Part 04
Author(s): Jayprabhvijay, Rameshchandra L Haria
Publisher: Rajendra Yatindra Jainagam Hindi Prakashan
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________________ श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी - हिन्दी - टीका 2-2-2-2-1 (498) 415 से शरीर का छेदन भी न करें, और जिस क्रिया या चेष्टा से मोह उत्पन्न होता हो इस तरह की क्रियाएं भी न करें। यही साधु और साध्वी का समय आचार है। जो साधु साधना के यथार्थ स्वरूप को जानता है, पांच समितियों से युक्त हे और इस का पालन करने में सदा प्रयत्न शील है, वह यह माने कि इस आचार का पालन करना ही मेरे लिए कल्याण प्रद है। इस प्रकार मैं कहता हूं। IV टीका-अनुवाद : वह भाव साधु यदि उपहत याने अकल्पनीय वसति से अन्य वसति याने स्वाध्याय भूमि में जाना चाहे, और यदि वह स्वाध्याय भूमि भी अंडों से युक्त हो यावत् मकडी के जाले से युक्त हो तो वह स्वाध्यायभूमि अप्रासुक जानकर ग्रहण न करें... .. किंतु वह साधु अंडों से रहित हो ऐसी स्वाध्याय भूमि का ग्रहण करें... इसी प्रकार अन्य सूत्रों का भावार्थ शय्या-सूत्रकी तरह जानीयेगा... यावत् जहां जल से उत्पन्न हुए कंद आदि हो ऐसी स्वाध्याय भूमि का ग्रहण न करें... अब स्वाध्याय भूमि में गये हुए साधुओं के विषय में कहतें हैं... कि- स्वाध्याय भूमि में गये हुए साधु दो या तीन या चार या पांच हो तो वे साधु परस्पर एक-दूसरे के शरीर का स्पर्श न करें तथा अनेक प्रकार से मोह का उदय हो ऐसे प्रकार से बार बार एक-दूसरे के शरीर को न छुए... तथा कंदर्प याने काम विकारवाली विविध क्रियाएं भी न करें, क्योंकिइस प्रकार के पंचाचार के नियमों के पालन से ही तो साधु का साघुपना होता है... और वह साधु भवांतर में सद्गति के सभी साधनों से युक्त है, तथा पांच समितिवाला वह साधु जीवन पर्यंत संयमानुष्ठान में प्रयत्न करता रहता है, और यह साधुपना ही श्रेयः याने कल्याणक है ऐसा उस साधु का मानना-समझना है... इति-ब्रवीमि पूर्ववत्... V सूत्रसार : प्रस्तुत सूत्र में स्वाध्याय के स्थान एवं स्वाध्याय के समय चित्तवृत्ति को संयत रखने का वर्णन किया गया है। यह हम देख चुके हैं कि आत्मा को सर्व बन्धनों से मुक्त करने के लिए कायोत्सर्ग एक महान् साधन है। परन्तु, उस साधन को स्वीकार करने के लिए आत्मा एवं शरीर के स्वरूप तथा सम्बन्ध को जानना भी आवश्यक है और उसके लिए सर्वोत्तम साधन स्वाध्याय है। स्वाध्याय शब्द स्व+अध्याय के संयोग से बना है। स्व का अर्थ आत्मा और