Book Title: Vruttaratnakar
Author(s): Kedar Bhatt, Narayan Bhatta, Vidyanatha Shastri
Publisher: Jai Krishna Das Hari Das Gupta

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Page 228
________________ परिशिष्टम् । ५ १९५ सं० नाम पृ० । सं० नाम ४५२ शिखरिणी ४८२ समानिका (टी०) ६३ ४५३ शिखा ५५. ४८३ समुद्रतता (टी०) १०० ४५४ शिखा ( टी०) ४८४ सरभ (टी०) १३४ ४५५ शिव (टी०) ४८५ सास (टो०) १३५ ४५६ शीर्ष (टी०). १३४ ४८६ सर्प (टी.) १३० ४५७ शुद्धविराट ४८७ सलिलनिधि (टो०). १०१ ४५८ शुद्धविराट १२२ ___(सिद्धक) (शुद्धविराऋषभ) ४८८ सहस्राक्ष (टी.) १३४ ४५९ शुभङ्कर (टी०) १३५ ४८६ साधार (टी०) १०६ ४६० शर (टी.) १३३ ४६० सानन्द (टो) १०६ ४६१ शेखर (टी०) ४६१ सार (टो०) १०६ ४६२ शेखर ( टी०) १३५ ४६२ सारङ्ग (टी०) १२६ ४६३ शेष (टी०) १२९ ४६३ सारङ्ग (टी०) १३५ ४६४ शेष (टी०) १३५ ४६४ सारस (टी०.). १३५ ४६५ शैलशिखा (टी.) १२४ ४६५ सारसी (टी०) १२८ ४६६ शोभा (टी०) ४९६ सिद्ध (टी०) १३५ ४६७ शोभा (टी०) ४४७ सिद्धा (टी०) १२८ ४६८ श्येन (टी०) १३० |४- सिंह (टी.) १३४ ४६४ श्येनिका ४ सिंह (टी०) १३५ ४७० श्व (टी०) ५०० सिंहविक्रान्त (टो०) १०७ ४७१ श्री ५०१ सिंहावलोक (टी०) १४१ ४७२ श्री ५०२ सिंहिनी (टी०) १२७ ५०३सिंही (टो०) १२८ ४७३ षट्पद ( टी०) १३३ ५०४ सिंहोन्नता (टी०) ६१ ४७४ षट्पदा (टी.) ५०५ सुकेशर (टी०) ९२ ४७५ सकल (टी.) ५०६ सुकेशर (टी०) ९५ ४७६ सङ्कीर्णविपुलावक्त्र ५०७ सुगीति (टी० ) ३६ ४७७ सङ्गीति (टी०) ३६ ५०८ सुधा (टी०) ९९ ४७८ सङाम (टी०) १०६ ५०६ सुपवित्र ४७६ सत्कार (टी०) १०६ ५१० सुमुखी ४८० सन्दोह (टो) ५११ सुराम (टी०) ४८१ समर ( टी०) १३४ । ५१२ सुवदना (टी०) १०० १३० SY ११३ १०६

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