Book Title: Vruttaratnakar
Author(s): Kedar Bhatt, Narayan Bhatta, Vidyanatha Shastri
Publisher: Jai Krishna Das Hari Das Gupta

View full book text
Previous | Next

Page 301
________________ शुद्धिपत्रम् । अशुद्धम शुद्धम् पृ० पं० पीत्वाम वहुत्र इन्द्रवज्रोपेन्द्रवज्रयोः षड्विशति कपुस्तके पीत्वाम बहुत्र इन्द्रवज्रावंशस्थयोः षविंशति पुस्तकान्तरे भर्यिताविति मिन्दुमत्या प्रानन्द्रा हारधृत् भांशुक S!ll, दुतमध्या गुरुन्गण भिर्यताविति मिन्दुमत्या प्रानन्दा हारक भांशुक 5।। 24 द्रुतमध्या गुरुन्गण - - रवक्त्र द्वितीयो कोष्ठक प्रथमाघ्रि पृथक्कथना वर्धमाने ti रवक्त द्वितयो कोष्टक प्रथमाङ्गि पृथक्कथना वर्धमाने . न. नितम्ब ब्याख्याने 'नीलुप्पल श्रा त्यधिकानी मसर ज. नितम्ब व्याख्याने णीलुप्पल पाअं त्यधिकानि मत्सर गुरुश्चैको यावद्भवति गुरश्चैको यावद्भवमिति ki

Loading...

Page Navigation
1 ... 299 300 301 302 303 304 305 306