Book Title: Vruttaratnakar
Author(s): Kedar Bhatt, Narayan Bhatta, Vidyanatha Shastri
Publisher: Jai Krishna Das Hari Das Gupta
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शुद्धिपत्रम् ।
अशुद्धम
शुद्धम्
पृ० पं०
पीत्वाम वहुत्र इन्द्रवज्रोपेन्द्रवज्रयोः षड्विशति कपुस्तके
पीत्वाम बहुत्र इन्द्रवज्रावंशस्थयोः षविंशति पुस्तकान्तरे
भर्यिताविति मिन्दुमत्या प्रानन्द्रा हारधृत् भांशुक S!ll, दुतमध्या गुरुन्गण
भिर्यताविति मिन्दुमत्या प्रानन्दा हारक भांशुक 5।।
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द्रुतमध्या
गुरुन्गण - - रवक्त्र द्वितीयो कोष्ठक प्रथमाघ्रि पृथक्कथना वर्धमाने
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रवक्त द्वितयो कोष्टक प्रथमाङ्गि पृथक्कथना वर्धमाने . न. नितम्ब ब्याख्याने 'नीलुप्पल श्रा त्यधिकानी मसर
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नितम्ब व्याख्याने णीलुप्पल पाअं त्यधिकानि मत्सर गुरुश्चैको यावद्भवति
गुरश्चैको
यावद्भवमिति
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